उमा शर्मा Tag: कविता 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid उमा शर्मा 23 Jan 2017 · 2 min read बेटियाँ तो बाबुल की रानियाँ हैं मन का मृदंग हैं, भाव हैं, तरंग हैं, कल्पनाओं की पतंग हैं निर्झर, निर्मल, नेह भरी, ये वात्स्ल्य पूर्ण रवानियाँ हैं फिर भी बोलो आखिर क्यों ये, सबकी पहली परेशानियाँ... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 4 2k Share उमा शर्मा 17 Nov 2018 · 1 min read माँ बैठकर मेरे सिरहाने, नींद मीठी सी सुलाने थपकियां देती रही। दुख के कांटे खुद सहे मुझको दी खुशियों की लड़ी। मुश्किलें आई तो, थी तेरी दुआ आगे खड़ी। मेरे बतलाने... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 19 79 1k Share उमा शर्मा 22 Jan 2017 · 2 min read बेटियाँ तो बाबुल की रानियाँ हैं मन का मृदंग हैं, भाव हैं, तरंग हैं, कल्पनाओं की पतंग हैं निर्झर, निर्मल, नेह भरी, ये वात्स्ल्य पूर्ण रवानियाँ हैं फिर भी बोलो आखिर क्यों ये, सबकी पहली परेशानियाँ... Hindi · कविता 5 731 Share उमा शर्मा 17 Nov 2018 · 1 min read मां बैठकर मेरे सिरहाने, नींद मीठी सी सुलाने थपकियां देती रही। दुख के कांटे खुद सहे मुझको दी खुशियों की लड़ी। मुश्किलें आई तो, थी तेरी दुआ आगे खड़ी। मेरे बतलाने... Hindi · कविता 6 1 314 Share