Rashmi Singh Language: Hindi 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rashmi Singh 27 Feb 2017 · 3 min read इंतज़ार अक्सर तुम कहा करते थे कि तुम सीधे सीधे शब्दों का इस्तेमाल किया करो। यूँ पहेलियों में बातें न किया करो और तब मैं बस इतना ही कह पाती थी... Hindi · लघु कथा 2 653 Share Rashmi Singh 27 Feb 2017 · 1 min read प्रथम स्पर्श आसमान के तले जब हम चाँद संग चले ख़्वाबो सा था वो शमाँ जब तेरी आँखों के स्पर्श में मुझे छुआ हाय मैं सिहर गई छुई मुई सी सिमट गई।।... Hindi · कविता 3 1k Share Rashmi Singh 27 Feb 2017 · 1 min read मैं क्यू लिखा करती हूँ यादों के गुलदस्ते से निकल कर जब खुद से रूबरू होती हूँ अक्सर सोचा करती हूँ मैं क्यू लिखती हूँ हाँ मैं क्यू लिखती हूँ अक्सर तौबा तौबा करती हूँ... Hindi · कविता 1 428 Share Rashmi Singh 26 Feb 2017 · 1 min read तलाक न उलझी थी न सुलझी थी जब हम प्रेम पाश में बंधे थे की अब कोई प्रेम को प्यास न मानता जब से ये तलाक पास आई है तखय्युल करता... Hindi · कविता 2 426 Share Rashmi Singh 26 Feb 2017 · 1 min read एक कहानी मेरी भी लिखना #कभी_मौका_मिले_तो मेरी भी एक कहानी लिखना की मैं टुकड़ो टुकड़ो में कविताएँ कहूँगी तुम लम्हो लम्हो को जोड़ तोड़ कर एक कहानी रचना नहीं ख्वाहिश की तुम मुझे चाँद की... Hindi · कविता 1 631 Share Rashmi Singh 29 Jan 2017 · 1 min read क्यू तुमने मुँह फेर लिया सर्द रात जब तुम असहाय पीड़ा में थी मेरी किलकारी ने तुम्हारे सारे दर्द को भुला दिया था और तुम मुस्कुराते हुए बोली थी तुम मेरा अक्स हो और मैं... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 586 Share