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घनाक्षरी
घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
जीवन में जब तक रहें, साँसें अपनी चार।
जीवन में जब तक रहें, साँसें अपनी चार।
Suryakant Dwivedi
अगर ये न होते
अगर ये न होते
Suryakant Dwivedi
कारण अकारण
कारण अकारण
Suryakant Dwivedi
पितृ दिवस ( father's day)
पितृ दिवस ( father's day)
Suryakant Dwivedi
कटु दोहे
कटु दोहे
Suryakant Dwivedi
राख देह की पांव पसारे
राख देह की पांव पसारे
Suryakant Dwivedi
आई अमावस घर को आई
आई अमावस घर को आई
Suryakant Dwivedi
मुक्तक
मुक्तक
Suryakant Dwivedi
संतानों का दोष नहीं है
संतानों का दोष नहीं है
Suryakant Dwivedi
चार मुक्तक
चार मुक्तक
Suryakant Dwivedi
यह जिंदगी मेरी है लेकिन..
यह जिंदगी मेरी है लेकिन..
Suryakant Dwivedi
क्षणिकाएं
क्षणिकाएं
Suryakant Dwivedi
चलते चलते थक गया, मन का एक फकीर।
चलते चलते थक गया, मन का एक फकीर।
Suryakant Dwivedi
जंजालों की जिंदगी
जंजालों की जिंदगी
Suryakant Dwivedi
शब्द
शब्द
Suryakant Dwivedi
आलोचना के द्वार
आलोचना के द्वार
Suryakant Dwivedi
चुनावी घनाक्षरी
चुनावी घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
वाह वाह....मिल गई
वाह वाह....मिल गई
Suryakant Dwivedi
हम तो बस कहते रहे, अपने दिल की बात।
हम तो बस कहते रहे, अपने दिल की बात।
Suryakant Dwivedi
लिखूंगा तो...?
लिखूंगा तो...?
Suryakant Dwivedi
मुट्ठी भर रेत है जिंदगी
मुट्ठी भर रेत है जिंदगी
Suryakant Dwivedi
कभी-कभी ऐसा लगता है
कभी-कभी ऐसा लगता है
Suryakant Dwivedi
कभी-कभी ऐसा लगता है
कभी-कभी ऐसा लगता है
Suryakant Dwivedi
मां के शब्द चित्र
मां के शब्द चित्र
Suryakant Dwivedi
आंगन आंगन पीर है, आंखन आंखन नीर।
आंगन आंगन पीर है, आंखन आंखन नीर।
Suryakant Dwivedi
मां को नहीं देखा
मां को नहीं देखा
Suryakant Dwivedi
संभावना है जीवन, संभावना बड़ी है
संभावना है जीवन, संभावना बड़ी है
Suryakant Dwivedi
जिंदगी एक सफर सुहाना है
जिंदगी एक सफर सुहाना है
Suryakant Dwivedi
एक हमारे मन के भीतर
एक हमारे मन के भीतर
Suryakant Dwivedi
जो बातें अनुकूल नहीं थीं
जो बातें अनुकूल नहीं थीं
Suryakant Dwivedi
कहने की कोई बात नहीं है
कहने की कोई बात नहीं है
Suryakant Dwivedi
सीने पर थीं पुस्तकें, नैना रंग हजार।
सीने पर थीं पुस्तकें, नैना रंग हजार।
Suryakant Dwivedi
सागर तो बस प्यास में, पी गया सब तूफान।
सागर तो बस प्यास में, पी गया सब तूफान।
Suryakant Dwivedi
आँखों-आँखों में हुये, सब गुनाह मंजूर।
आँखों-आँखों में हुये, सब गुनाह मंजूर।
Suryakant Dwivedi
कभी कभी कुछ प्रश्न भी, करते रहे कमाल।
कभी कभी कुछ प्रश्न भी, करते रहे कमाल।
Suryakant Dwivedi
जीवन भर मरते रहे, जो बस्ती के नाम।
जीवन भर मरते रहे, जो बस्ती के नाम।
Suryakant Dwivedi
अर्जुन सा तू तीर रख, कुंती जैसी पीर।
अर्जुन सा तू तीर रख, कुंती जैसी पीर।
Suryakant Dwivedi
शिलालेख पर लिख दिए, हमने भी कुछ नाम।
शिलालेख पर लिख दिए, हमने भी कुछ नाम।
Suryakant Dwivedi
कलरव में कोलाहल क्यों है?
कलरव में कोलाहल क्यों है?
Suryakant Dwivedi
तकते थे हम चांद सितारे
तकते थे हम चांद सितारे
Suryakant Dwivedi
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
Suryakant Dwivedi
दोेहे
दोेहे
Suryakant Dwivedi
जीवन है आँखों की पूंजी
जीवन है आँखों की पूंजी
Suryakant Dwivedi
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
Suryakant Dwivedi
भरी रंग से जिंदगी, कह होली त्योहार।
भरी रंग से जिंदगी, कह होली त्योहार।
Suryakant Dwivedi
लिख लेते हैं थोड़ा-थोड़ा
लिख लेते हैं थोड़ा-थोड़ा
Suryakant Dwivedi
आधुनिक दोहे
आधुनिक दोहे
Suryakant Dwivedi
सूरज की हठखेलियाँ, चंदा जोड़े हाथ।
सूरज की हठखेलियाँ, चंदा जोड़े हाथ।
Suryakant Dwivedi
गुनगुनाने यहां लगा, फिर से एक फकीर।
गुनगुनाने यहां लगा, फिर से एक फकीर।
Suryakant Dwivedi
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