Suryakant Dwivedi 339 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Suryakant Dwivedi 20 Jun 2024 · 1 min read जीवन में जब तक रहें, साँसें अपनी चार। जीवन में जब तक रहें, साँसें अपनी चार। निशिदिन सब चलते रहें, चन्दा सूरज पार। रश्मि रथ पर आयेगा, कहने को दिनमान मेरा तू प्रतिमान है, मैं अमृत तू धार।।... Quote Writer 102 Share Suryakant Dwivedi 18 Jun 2024 · 1 min read अगर ये न होते अगर आँखों में आँसू न होते जी शिकवा होता न न महबूब रोते रोने से यूँ भी प्रिये फ़र्क क्या पड़ता है बस थोड़ा शायरी में वजन बढ़ जाता है।।... Hindi · कविता 101 Share Suryakant Dwivedi 17 Jun 2024 · 4 min read कारण अकारण व्यंग्य कारण के आगे कारण कारण के पीछे कारण कारण के आगे भी कारण होते हैं। कारण के पीछे भी कारण होते हैं। कारण कभी कारण नहीं होता। कारण कभी... Hindi · लेख · हास्य-व्यंग्य 55 Share Suryakant Dwivedi 16 Jun 2024 · 1 min read पितृ दिवस ( father's day) पितृ दिवस ( father's day) अभी तो चारों तरफ सवेरा है सोचूं क्यों जीवन में अंधेरा है हो न हो, साया है उसका सिर पर संग नाम का, उसके बसेरा... Quote Writer 1 98 Share Suryakant Dwivedi 14 Jun 2024 · 1 min read कटु दोहे कटु दोहे 1 करते हैं खुद फैसले, ये ‘बच्चे’ नादान। आहत मन किससे कहे, तात-मात महमान।। 2 राज़ी जब बीवी मियां क़ाज़ी का क्या काम। मंदिर, वेदी, शादियां, सपने सभी... Hindi · दोहा 97 Share Suryakant Dwivedi 13 Jun 2024 · 1 min read राख देह की पांव पसारे राख देह की पांव पसारे प्राण त्राण जो नाव पुकारे थैली में वो सिमटा सिमटा जिसके नाम,गांव चौबारे।। सूर्यकांत Quote Writer 1 86 Share Suryakant Dwivedi 12 Jun 2024 · 1 min read आई अमावस घर को आई आई अमावस घर को आई देखा, भाला औ' मुस्काई कैसे रहते इतने चंगे हम बोले, संतन सुख दाई। सूर्यकांत Quote Writer 72 Share Suryakant Dwivedi 11 Jun 2024 · 1 min read मुक्तक बार बार मुख अपना धोते दर्पण देखें फिर वो रोते भूल हुई है जो सदियों में बारी बारी सबसे कहते।। संतानों का दोष नहीं है यूं ही तो संतोष नहीं... Hindi · मुक्तक 105 Share Suryakant Dwivedi 11 Jun 2024 · 1 min read संतानों का दोष नहीं है संतानों का दोष नहीं है यूं ही तो संतोष नहीं है कुछ करनी तो अपनी होगी तभी यहां जय घोष नहीं है ।। सूर्यकांत Quote Writer 89 Share Suryakant Dwivedi 10 Jun 2024 · 1 min read चार मुक्तक मुक्तक ऐसी कोई चाह नहीं है जिसकी कोई राह नहीं है शिलालेख पर लिखने वाले तेरी कोई थाह नहीं है।। 2 मर्यादा ने चादर छोड़ी हमने भी तो कसमें तोड़ी... Hindi · मुक्तक 80 Share Suryakant Dwivedi 8 Jun 2024 · 1 min read यह जिंदगी मेरी है लेकिन.. यह जिंदगी मेरी है लेकिन..... रोता हूं तो वो संभाल लेती है हँसता हूं तो दुनिया संभाल लेती है इस हँसने और रोने के बीच एक जिंदगी है जिसे मैं... Hindi · कविता 2 86 Share Suryakant Dwivedi 4 Jun 2024 · 1 min read क्षणिकाएं क्षणिकाएं 1. अंतिम छोर से गेंदबाजी हो रही है आखिरी ओवर है.... बॉलर बैटिंंग कर रहे हैं।। 2. पवेलियन में कोई नहीं है.... दर्शक दीर्घा खाली है कमेंटेटर कमेंट्री कर... Hindi · कविता 1 90 Share Suryakant Dwivedi 4 Jun 2024 · 1 min read चलते चलते थक गया, मन का एक फकीर। चलते चलते थक गया, मन का एक फकीर। धन से जब तुलने लगे, संतन और अमीर।। सूर्यकांत Quote Writer 94 Share Suryakant Dwivedi 1 Jun 2024 · 1 min read जंजालों की जिंदगी जंजालों की जिंदगी जंजालों की है जिंदगी जरूरतें बड़ी-बड़ी मैंने खुद सजाया इनको पल-पल घड़ी-घड़ी बच्चे मांगे एक रुपैया मैं थमाता दस बस इतनी सी बात रही सांझ ढले बेबस... Hindi · कविता 1 101 Share Suryakant Dwivedi 1 Jun 2024 · 1 min read शब्द रोज शब्द आत्महत्या करते हैं और रोज जिंदगी पाते हैं उम्मीद ही तो है जो तेरे-मेरे दरम्यान है... साँस है...! उम्मीद है चलेगी..? भोर होगी रात होगी तारे चमकेंगे ये... Hindi · कविता 1 78 Share Suryakant Dwivedi 1 Jun 2024 · 1 min read आलोचना के द्वार आलोचना के द्वार आलोचनाओं के द्वार पर हम सब खड़े कद सभी के बौने मगर हम बड़े-बड़े हर लहर की साँसें प्यासी हर उम्र हाँफती रही सोचते रहे हम सारे... Hindi · कविता 1 104 Share Suryakant Dwivedi 29 May 2024 · 1 min read चुनावी घनाक्षरी चुनावी घनाक्षरी ठक ठक ठक करे, खट खट खट करे हाल ए इस दिल को, कौन समझाएगा फट फट फटाफट, झक झक झकाझक चुनावी इस रण को, कौन भेद पाएगा... Quote Writer 98 Share Suryakant Dwivedi 28 May 2024 · 1 min read वाह वाह....मिल गई कवि खुश, वाह वाह मिल गई... लेखक खुश, किताब छप गई... नेता खुश, मंत्री बन गया... बच्चा खुश- नौकरी मिल गई... मां-बाप खुश - एडमिशन हो गया.. ये मौसम, ये... Hindi · कविता 72 Share Suryakant Dwivedi 27 May 2024 · 1 min read हम तो बस कहते रहे, अपने दिल की बात। हम तो बस कहते रहे, अपने दिल की बात। समझते रहे लोग ये, घर घर के जज़्बात कुछ ऐसे थे नासमझ, भूल गए वो रात आया चंदा कह गया, बिगड़... Quote Writer 138 Share Suryakant Dwivedi 20 May 2024 · 1 min read लिखूंगा तो...? लिखूंगा तो कहोगे क्या लिख दिया नहीं लिखा तो कहोगे लिखते क्यों नहीं ..? अजीब कश्मकश है दिल कहता है, लिखो शब्द बेजुबाँ पड़े हैं।। शब्दकोश से निकल सब बाजार... Hindi · कविता 49 Share Suryakant Dwivedi 19 May 2024 · 1 min read मुट्ठी भर रेत है जिंदगी मुट्ठी भर रेत है जिंदगी तेरा मेरा ख्वाब जिंदगी सोचता हूं, बना लूं मैं भी हसीन इमारत है जिंदगी।। सूर्यकांत Quote Writer 123 Share Suryakant Dwivedi 17 May 2024 · 1 min read कभी-कभी ऐसा लगता है गीत कभी-कभी ऐसा लगता है कभी-कभी वैसा लगता है संशय, भय, दुविधा के मारे बोलें क्या, कैसा लगता है।। दरवाजे पर भोर सुहासी चौखट चौखट ज्यों हों दासी पंछी का... Hindi · कविता · गीत 1 97 Share Suryakant Dwivedi 16 May 2024 · 1 min read कभी-कभी ऐसा लगता है कभी-कभी ऐसा लगता है कभी-कभी वैसा लगता है संशय, भय, दुविधा के मारे बोलें क्या, कैसा लगता है।। सूर्यकांत Quote Writer 117 Share Suryakant Dwivedi 13 May 2024 · 3 min read मां के शब्द चित्र मां आओ मां का चित्र बनाते हैं एहसासों में रंग भरते हैं याद करो, वह दिन जब तुम कोख में थे कितनी पीड़ा में थी मां जैसे काट लिया हो... Hindi · कविता 107 Share Suryakant Dwivedi 12 May 2024 · 1 min read आंगन आंगन पीर है, आंखन आंखन नीर। आंगन आंगन पीर है, आंखन आंखन नीर। बंद कमरे में मां के, गर्म हवा के तीर। देख हवा रोने लगी, किया ईश प्रणाम बोली ममता प्यार से, शीतल यहां समीर।।... Quote Writer 79 Share Suryakant Dwivedi 12 May 2024 · 1 min read मां को नहीं देखा माँ बहुत सी कविताएँ लिखी बहुत सी कहानियां पढ़ी माँ को नहीं पढ़ा फूल देखे, सितारे देखे गागर देखे, सागर देखे मां को नहीं देखा होम किये, अनुष्ठान किये पूजा... Hindi · कविता 98 Share Suryakant Dwivedi 9 May 2024 · 1 min read संभावना है जीवन, संभावना बड़ी है संभावना है जीवन, संभावना बड़ी है संभावना है हम तुम, संभावना कड़ी है संभाव्य यहां सदियां, कल कल बहती नदियां संभावना है हर दिन, द्वारे क्षितिज खड़ी है।। सूर्यकांत Quote Writer 107 Share Suryakant Dwivedi 7 May 2024 · 1 min read जिंदगी एक सफर सुहाना है जिंदगी एक सफर सुहाना है यहां से वहां तक ही जाना है दौड़ते रहे यूं, हम मस्ती में इतना ही आप को बताना है।। सूर्यकांत Quote Writer 155 Share Suryakant Dwivedi 5 May 2024 · 1 min read एक हमारे मन के भीतर गीत एक हमारे मन के भीतर मन रहता है बोलो बोलो कुछ भी बोलो सच कहता है कितना पानी, कितना सागर सब जाने है डूबे हम तुम कहां कहां पर... Hindi · गीत 1 87 Share Suryakant Dwivedi 5 May 2024 · 1 min read जो बातें अनुकूल नहीं थीं जो बातें अनुकूल नहीं थीं वो ही अब कुबूल हो गई आंगन आंगन देख नजारा बातें सब निर्मूल हो गई।। सूर्यकांत Quote Writer 95 Share Suryakant Dwivedi 3 May 2024 · 1 min read कहने की कोई बात नहीं है कहने की कोई बात नहीं है सहने की कोई रात नहीं है बोल रहा यहां, चांद से सूरज कर लो कितना, सौगात नहीं है।। सूर्यकांत Hindi · Quote Writer 101 Share Suryakant Dwivedi 30 Apr 2024 · 1 min read सीने पर थीं पुस्तकें, नैना रंग हजार। सीने पर थीं पुस्तकें, नैना रंग हजार। आई फिर दुल्हन, परी, जाना घर संसार चलचित्र सा जीवन रहा,बदले सब किरदार लोरी, डोली, तराने, दुआ, दवा, बीमार।। सूर्यकांत Quote Writer 107 Share Suryakant Dwivedi 29 Apr 2024 · 1 min read सागर तो बस प्यास में, पी गया सब तूफान। सागर तो बस प्यास में, पी गया सब तूफान। खारा खारा जल कहे, अच्छा नहीं उफान ।। भावों से नदिया बहे, भाव जगत का मूल जी ले प्यारे जिंदगी, दुर्लभ... Quote Writer 136 Share Suryakant Dwivedi 25 Apr 2024 · 1 min read आँखों-आँखों में हुये, सब गुनाह मंजूर। आँखों-आँखों में हुये, सब गुनाह मंजूर। घर चौखट को देखिये, हम कितने मजबूर।। सूर्यकांत Quote Writer 134 Share Suryakant Dwivedi 25 Apr 2024 · 1 min read कभी कभी कुछ प्रश्न भी, करते रहे कमाल। कभी कभी कुछ प्रश्न भी, करते रहे कमाल। क्या जीवन की नौकरी, कैसे किया धमाल? खामोश रहा वो सदा, बोली आंखें मौन तात हृदय से पूछिए, जग का मालिक कौन?... Quote Writer 114 Share Suryakant Dwivedi 23 Apr 2024 · 1 min read जीवन भर मरते रहे, जो बस्ती के नाम। जीवन भर मरते रहे, जो बस्ती के नाम। ज्यों ही आंखें मूंद लीं,आंसू तक नीलाम भीड़ तंत्र की भीड़ में, क्यों ढूंढे तू फूल मुर्दा सब जज़्बात हैं, राम राम... Quote Writer 119 Share Suryakant Dwivedi 22 Apr 2024 · 1 min read अर्जुन सा तू तीर रख, कुंती जैसी पीर। अर्जुन सा तू तीर रख, कुंती जैसी पीर। भाव सुदामा राखिए, राधा जैसे नीर।। अपनों से इस जंग में, कौन किसी के साथ, लाज धर्म की द्रोपदी, बस आशा का... Quote Writer 92 Share Suryakant Dwivedi 18 Apr 2024 · 1 min read शिलालेख पर लिख दिए, हमने भी कुछ नाम। शिलालेख पर लिख दिए, हमने भी कुछ नाम। आएंगे पढ़ने कभी, घट घट वासी राम।। चढ़ी उमर अवसान की, क्यों मैं मानूँ हार कदमों में इतिहास है, साँसों से संग्राम।।... Quote Writer 123 Share Suryakant Dwivedi 18 Apr 2024 · 1 min read कलरव में कोलाहल क्यों है? कलरव में कोलाहल क्यों है? आंखों में गंगाजल क्यों है? पापी सदियां बीत गई पर सूखे कंठ, हलाहल क्यों है? सूर्यकांत Language: Hindi Quote Writer 122 Share Suryakant Dwivedi 14 Apr 2024 · 1 min read तकते थे हम चांद सितारे तकते थे हम चांद सितारे सोते थे जब छत पर सप्त ऋषि का मंडल देखें तारों में ध्रुव अंबर इक डोर से बंधे थे रिश्ते खटिया पर सब बिस्तर पास... Hindi · कविता · गीत 78 Share Suryakant Dwivedi 14 Apr 2024 · 1 min read मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर। मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर। हो जायेगी एक दिन, तेरी भी यूं भोर।। सूर्यकांत Quote Writer 88 Share Suryakant Dwivedi 7 Apr 2024 · 1 min read दोेहे अपनी-अपनी साधना,अपना-अपना धाम। सारे तीरथ हैं यहां, घर है जिसका नाम।। 2 सीता सम हों बेटियां, बेटा राजा राम। गुणकारी हो साधना, तब है मंगल धाम।। 3 एकाकी जीवन हुआ,... Hindi · दोहा 100 Share Suryakant Dwivedi 7 Apr 2024 · 1 min read जीवन है आँखों की पूंजी जीवन है आँखों की पूंजी बस, जीवन है आँखों की पूँजी दृश्य, अदृश्य, परिदृश्य समूची बार-बार कहना है क्या लुप्त हुए लोक से क्या बार बार दर्शन करना है बार... Hindi · कविता 99 Share Suryakant Dwivedi 31 Mar 2024 · 1 min read आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान। आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान। ढह गए वो मकान भी, जिनमें थे इंसान।। आंखों से परदा उठा, चला शील वनवास धूल धुआं सी जिंदगी, सोती चादर तान।। सूर्यकांत Quote Writer 155 Share Suryakant Dwivedi 25 Mar 2024 · 1 min read भरी रंग से जिंदगी, कह होली त्योहार। भरी रंग से जिंदगी, कह होली त्योहार। छोड़ो भूलो गम सभी, रंगे पुते सब यार।। सूर्यकांत Quote Writer 139 Share Suryakant Dwivedi 20 Mar 2024 · 1 min read लिख लेते हैं थोड़ा-थोड़ा लिख लेते हैं थोड़ा-थोड़ा कह लेते हैं थोड़ा-थोड़ा मत समझो तुम, हमको कुछ भी जी लेते हैं थोड़ा-थोड़ा।। सूर्यकांत Quote Writer 107 Share Suryakant Dwivedi 16 Mar 2024 · 1 min read आधुनिक दोहे 1. बच्चों को हम क्या कहें, हम सब भी नादान फुर्सत किसको है कहां, जो देखे संतान ।। 2. इच्छा रही न वंश की, शादी भी अब "खोज"। मानो सूरज... Hindi · दोहा 95 Share Suryakant Dwivedi 16 Mar 2024 · 1 min read सूरज की हठखेलियाँ, चंदा जोड़े हाथ। सूरज की हठखेलियाँ, चंदा जोड़े हाथ। तारों की बारात में, कौन किसी के साथ। बोला अंबर, देख ले, दाग लगी तस्वीर तन्हा तन्हा रात है, तके चाँद तकदीर।। सूर्यकांत Hindi · Quote Writer · मुक्तक 129 Share Suryakant Dwivedi 15 Mar 2024 · 1 min read गुनगुनाने यहां लगा, फिर से एक फकीर। गुनगुनाने यहां लगा, फिर से एक फकीर। सबका माथा है जुदा, मिटती नहीं लकीर।। राम चले वनवास को, त्याग अवध का धाम धूं-धूं कर अभिमान की, लंका जली तमाम।। ये... Quote Writer 1 104 Share Suryakant Dwivedi 12 Mar 2024 · 1 min read एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम। एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम। तन्हा-तन्हा रात है, दिन उसका परिणाम।। सूर्यकांत Quote Writer 98 Share Previous Page 2 Next