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अर्चना की वेदियां
Suryakant Dwivedi
लैपटॉप
Suryakant Dwivedi
करते हैं संघर्ष सभी, आठों प्रहर ललाम।
Suryakant Dwivedi
कहां गई वो दीवाली और श्रीलक्ष्मी पूजन
Suryakant Dwivedi
चलो ऐसा भी करते हैं
Suryakant Dwivedi
भगवन तेरे द्वार पर, देखे अगणित रूप
Suryakant Dwivedi
आओ फिर गीत गंध के गाएं
Suryakant Dwivedi
हास्य घनाक्षरी ( करवा चौथ)
Suryakant Dwivedi
करवा चौथ घनाक्षरी ( हास्य)
Suryakant Dwivedi
कुंडलियां
Suryakant Dwivedi
सांसों की इस सेज पर, सपनों की हर रात।
Suryakant Dwivedi
बेटी का बाप हूँ न
Suryakant Dwivedi
जीवन हो गए
Suryakant Dwivedi
रात रात भर रजनी (बंगाल पर गीत)
Suryakant Dwivedi
अपने वही तराने
Suryakant Dwivedi
विदाई गीत
Suryakant Dwivedi
पश्चातापों की वेदी पर
Suryakant Dwivedi
रातें सारी तकते बीतीं
Suryakant Dwivedi
तमाम रातें तकतें बीती
Suryakant Dwivedi
राहों से हम भटक गए हैं
Suryakant Dwivedi
दीवारों के कान में
Suryakant Dwivedi
परिवार हमारा
Suryakant Dwivedi
जो बरसे न जमकर, वो सावन कैसा
Suryakant Dwivedi
उदासी की यही कहानी
Suryakant Dwivedi
मोहल्ला की चीनी
Suryakant Dwivedi
मिलना यह हमारा, सुंदर कृति है
Suryakant Dwivedi
कोई बोले नहीं सुन ले, होता है कब कहां
Suryakant Dwivedi
अपना दर्द छिपाने को
Suryakant Dwivedi
तुमने मुझको कुछ ना समझा
Suryakant Dwivedi
अपने दिल में चोर लिए बैठे हैं
Suryakant Dwivedi
बहुत कहानी तुमने बोई
Suryakant Dwivedi
जो बरसे न जमकर, वो सावन कैसा
Suryakant Dwivedi
कलश चांदनी सिर पर छाया
Suryakant Dwivedi
तारों की बारात में
Suryakant Dwivedi
बदरी
Suryakant Dwivedi
बदल गई काया सुनो, रहा रूप ना रंग।
Suryakant Dwivedi
दिल में बहुत रखते हो जी
Suryakant Dwivedi
दोहे
Suryakant Dwivedi
सुंदर सुंदर कह रहे, सभी यहां पर लोग
Suryakant Dwivedi
माना तुम रसखान हो, तुलसी, मीर, कबीर।
Suryakant Dwivedi
धन, दौलत, यशगान में, समझा जिसे अमीर।
Suryakant Dwivedi
बूंद बूंद में प्यास है, बूंद बूंद में आस।
Suryakant Dwivedi
धरती सा धीरज रखो, सूरज जैसा तेज।
Suryakant Dwivedi
दोहा
Suryakant Dwivedi
होते फलित यदि शाप प्यारे
Suryakant Dwivedi
दोहे
Suryakant Dwivedi
करते सच से सामना, दिल में रखते चोर।
Suryakant Dwivedi
अब न रूप न रंग
Suryakant Dwivedi
राजनीतिक योग
Suryakant Dwivedi
आँखों में सपनों को लेकर क्या करोगे
Suryakant Dwivedi