Sudha Singh 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sudha Singh 1 Nov 2018 · 1 min read माँ अदृश्य- सी वह शक्ति, जो सदैव मेरे साथ है! पता है मुझे माँ, कि वह तेरा ही आशीर्वाद है! तेरा प्यार,तेरी ममता, तेरा स्नेह माँ निर्विवाद है! तू मेरी संगी,मेरी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 16 64 1k Share Sudha Singh 23 Nov 2018 · 2 min read क्योंकि मृत हूँ मैं हमेशा से ऐसा ही तो था हाँ.. हमेशा से ऐसा ही था जैसा आज हूँ मैं न कभी बदला था मैं और ना ही कभी बदलूंगा क्योंकि.. मृत हूँ मैं!... Hindi · मुक्तक 3 2 366 Share Sudha Singh 17 Nov 2018 · 1 min read एक और वनवास ढूँढ रही थी अपने पिता की छवि उस घर के सबसे बड़े पुरुष में एक स्त्री को माँ भी समझ लिया था प्रेम की गंगा बह रही थी हृदय से... Hindi · मुक्तक 1 309 Share Sudha Singh 20 Nov 2018 · 1 min read कुछ द्वीपदियाँ कुछ द्वीपदियाँ 1 : फितरत छीन लूँ हक किसी का, ऐसी फितरत नहीं. आईना जब भी देखा, खुशी ही हुई.** 2: नियति नियत तो अच्छी थी, पर नियति की नीयत... Hindi · मुक्तक 4 267 Share