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16 posts
खुशियों की एक अज़ीयत है।
खुशियों की एक अज़ीयत है।
शुभम् वैष्णव
क्या कहूँ बाकी क्या रहा मैं कल
क्या कहूँ बाकी क्या रहा मैं कल
शुभम् वैष्णव
उसको खोने का डर होगा!
उसको खोने का डर होगा!
शुभम् वैष्णव
झूठ का आफ़ताब भी है बहुत!
झूठ का आफ़ताब भी है बहुत!
शुभम् वैष्णव
बहनें!
बहनें!
शुभम् वैष्णव
शह्र के शह्र हो गए पत्थर!
शह्र के शह्र हो गए पत्थर!
शुभम् वैष्णव
बताओ तो जरा, अब मैं किधर जाऊँ!
बताओ तो जरा, अब मैं किधर जाऊँ!
शुभम् वैष्णव
राह में जो शहर नहीं होता!
राह में जो शहर नहीं होता!
शुभम् वैष्णव
इश्क़ कर सब भटक रहें,
इश्क़ कर सब भटक रहें,
शुभम् वैष्णव
प्यार से दिल का भरा भंडार है!
प्यार से दिल का भरा भंडार है!
शुभम् वैष्णव
कौन तवज्जो देता है इन कोमल अहसासों को!
कौन तवज्जो देता है इन कोमल अहसासों को!
शुभम् वैष्णव
क्यों अधूरी ये कहानी रह गई!
क्यों अधूरी ये कहानी रह गई!
शुभम् वैष्णव
जो किये तुमने शरारत कौन जाने!
जो किये तुमने शरारत कौन जाने!
शुभम् वैष्णव
ख़त्म जो हो वो सफ़र क्या मांगना!
ख़त्म जो हो वो सफ़र क्या मांगना!
शुभम् वैष्णव
क्यों अधूरी ये कहानी रह गई।
क्यों अधूरी ये कहानी रह गई।
शुभम् वैष्णव
मिला है दर्द जो तेरे निगाहों का असर है ये।
मिला है दर्द जो तेरे निगाहों का असर है ये।
शुभम् वैष्णव
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