शुभम् वैष्णव 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid शुभम् वैष्णव 25 Aug 2018 · 1 min read खुशियों की एक अज़ीयत है। खुशियों की एक अज़ीयत है। कितनी अजीब मोहब्ब्त है। तुमने किया जो वो शरारत है। मैंने किया जो, मोहब्ब्त है। तुझको ठुकराया जाने जां, तब से खराब ये किस्मत है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 234 Share शुभम् वैष्णव 8 Aug 2018 · 1 min read क्या कहूँ बाकी क्या रहा मैं कल क्या कहूँ बाकी क्या रहा मैं कल । बस तुम्हे देखता रहा मैं कल । खुद को तुझ में गुमा दिया मैंने , तुझ में और' डूबता रहा मैं कल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 443 Share शुभम् वैष्णव 15 Jun 2018 · 1 min read उसको खोने का डर होगा! उसको खोने का डर होगा। जैसे ही आज सहर होगा। कांप उठा था जैसे तब मैं, वैसा अब तो अक्सर होगा। उतने ऐश कहाँ फिर होंगे, उसके बिन सूना घर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 210 Share शुभम् वैष्णव 1 Nov 2016 · 1 min read झूठ का आफ़ताब भी है बहुत! झूठ का आफ़ताब भी है बहुत। सच मगर लाजवाब भी है बहुत। आ मिटा दूँ गमे रवायत सब, मेरे दिल में शराब भी है बहुत। आसमां छूने की तमन्ना है,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 410 Share शुभम् वैष्णव 18 Aug 2016 · 1 min read बहनें! गजल - बहनें इस दुनिया में सबसे प्यारी है बहनें। भाई के राखी की मोती है बहनें। तेरे सिर में तरक्की का नशा चढ़ा है, तू बड़ा है लेकिन, तुझसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 441 Share शुभम् वैष्णव 8 Aug 2016 · 1 min read शह्र के शह्र हो गए पत्थर! शह्र के शह्र हो गए पत्थर। अब तो कोई नहीं यहाँ रहबर। हू ब हू चेहरा हिरे सा था, और जैसे जड़ा हो सोने पर। हिज़्र का ख्याल जो मुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 382 Share शुभम् वैष्णव 8 Aug 2016 · 1 min read बताओ तो जरा, अब मैं किधर जाऊँ! गजल बताओ तो जरा , मैं अब किधर जाऊँ। खुदा का घर जिधर भी हो उधर जाऊँ। ग़मों की चादरें तो ओढ़े बैठा हूँ, यकीं रख्खो , न ऐसा हूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 277 Share शुभम् वैष्णव 16 Jul 2016 · 1 min read राह में जो शहर नहीं होता! राह में जो शहर नहीं होता। वो कभी हमसफ़र नहीं होता। मैं न डरता सनम कभी तुम से, आँख में जो कहर नहीं होता। एक से चेहरे लुटे मुझ को,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 250 Share शुभम् वैष्णव 11 Jul 2016 · 1 min read इश्क़ कर सब भटक रहें, इश्क़ कर सब भटक रहें , अपनी अपनी राह। काम कुछ तो अब कर लो, क्या देगी कुछ चाह। क्या देगी कुछ चाह , खूब सब मेहनत करो। चाहत में... Hindi · कुण्डलिया 333 Share शुभम् वैष्णव 10 Jul 2016 · 1 min read प्यार से दिल का भरा भंडार है! रौशनी का ईद जो त्यौहार है। प्यार से दिल का भरा भंडार है। चाँद तुमको क्यों अधूरा यूँ दिखे, देख ले इसमें भरा जो प्यार है। कौन देगा अब मुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 523 Share शुभम् वैष्णव 6 Jul 2016 · 1 min read कौन तवज्जो देता है इन कोमल अहसासों को! माँ जाने अपने बेटों के दिल के जज़्बातों को। कौन तवज्जो देता है इन कोमल अहसासों को। देकर जन्म न छोड़े साथ कभी ऐसी वो माँ है। कोई दूजा उसके... Hindi · गीत 380 Share शुभम् वैष्णव 6 Jul 2016 · 1 min read क्यों अधूरी ये कहानी रह गई! क्यों अधूरी ये कहानी रह गई। क्यों अधूरी जिंदगानी रह गई। क्यों खफा हो ये बता दो तुम मुझे, बिच हमारे दरमियानी रह गई। चाँद- तारों में दिखे सूरत सनम,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 552 Share शुभम् वैष्णव 5 Jul 2016 · 1 min read जो किये तुमने शरारत कौन जाने! जो किये तुमने शरारत कौन जानें। इश्क़ में जो है बगावत कौन जाने। तुम कभी नाराज ना होना किसी से, सामने क्यों है पड़ा ख़त कौन जाने। थाम तो ले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 237 Share शुभम् वैष्णव 5 Jul 2016 · 1 min read ख़त्म जो हो वो सफ़र क्या मांगना! ख़त्म जो हो, वो सफ़र क्या मांगना। चार कदमो का डगर क्या मांगना। दे रहें हैं जख्म, अपने ही मुझे, अब दुआओं में ,असर क्या मांगना। मौत आनी होगी ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 332 Share शुभम् वैष्णव 14 Jun 2016 · 1 min read क्यों अधूरी ये कहानी रह गई। क्यों अधूरी ये कहानी रह गई। क्यों अधूरी जिंदगानी रह गई। क्यों खफा हो ये बता दो तुम मुझे, बिच हमारे दरमियानी रह गई। चाँद- तारों में दिखे सूरत सनम,... Hindi · शेर 2 510 Share शुभम् वैष्णव 13 Jun 2016 · 1 min read मिला है दर्द जो तेरे निगाहों का असर है ये। मिला है दर्द जो तेरे निगाहों का असर है वो। पता मुझको नहीं था बेवफाओं का शहर है वो। कई ही लोग मिटते रह गए है इश्क़ में पड़कर, नहीं... Hindi · शेर 1 2 325 Share