Sharad Kashyap Tag: कविता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Sharad Kashyap 25 Jun 2020 · 1 min read आईना जब गया उसके समक्ष तो अक्स अपना देखकर सहमा ठिठका स्तब्ध था मैं सोचकर क्यों नहीं करता प्रशंसा धन सफलता रूप की अनभिज्ञ है ये मैने सहीं है यातनाएँ धूप... Hindi · कविता 394 Share