Satyendra kumar Upadhyay 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Satyendra kumar Upadhyay 3 May 2017 · 1 min read कुंठित शिक्षा ! मेरी बात मनिएगा जी ! वह कुछ सकुचाया ही था कि तभी वह पुनः बोल पड़ी !! तो उसने अपने माॅ-बाप पर बात टालने की कोशिश की तो वह अडिग... Hindi · कहानी 340 Share Satyendra kumar Upadhyay 23 Apr 2017 · 1 min read बहते काजल ! वह तो बस हुचुर-हुचुर ! रोये जा रही और ऑसूं थे जो सुन्दर-2 ऑखों में लगे काजल को साथ लिए जा रहे लाल हुए गालों की ओर बहते हुए काले... Hindi · कहानी 583 Share Satyendra kumar Upadhyay 22 Mar 2017 · 2 min read खुली बटनें ! पिताजी आपकी बटन खुली है ! बंद कर लीजिए ना ! तभी कड़कदार आवाज में उन्होंने कहा कि "चुप रहो ! बच्चे हो !" यह सुन ! वह शांत तो... Hindi · कहानी 573 Share Satyendra kumar Upadhyay 20 Feb 2017 · 1 min read ये जाना ! जानू आज रूक जाओ ! घूँघट सँभालते हुए रश्मि ने तिरछी देख ! मुस्कराते हुए कहा ही था कि शुभ ने दबेमन कहा "मुझे जाना है ; देर हो रही... Hindi · कहानी 551 Share Satyendra kumar Upadhyay 19 Feb 2017 · 1 min read बेचैन मच्छर । कहाँ गया ? कहाँ ग..या ? सारे मच्छर कमरे में रात भर उसे ढ़ूँढ-2 थकहार सुबह होते ही कोनों जा छुपे अँधेरों की गोद में समा गये थे । वहीं... Hindi · लघु कथा 767 Share Satyendra kumar Upadhyay 17 Feb 2017 · 1 min read वरण / हरण । बच्चा ! नौकरी में हो ! जबाब देने में उसकी घिग्गी बंद हो गयी थी ; वह उसी सड़क को कातर दृष्टि से निहारते हुए यह सोचने लगा था कि... Hindi · कहानी 418 Share Satyendra kumar Upadhyay 14 Feb 2017 · 2 min read बढ़ावा ए बर्बादी ! अरे दो लोग आ गये हो ! बहुत है , आठ लोगों की ड्यूटी में ! तब तक सॅभालो ! बाकी लोग एक , दो , तीन या चाहे जब... Hindi · कहानी 515 Share Satyendra kumar Upadhyay 14 Feb 2017 · 2 min read पैदायशी बुजुर्ग । कौन आया है ? सुघरा के घर आकर पूॅछते ही , सौम्या की सास ने गोद में बहुत ही ढाॅक-ढूॅक कर नवजात शिशु को सीने से चिपकाकर लाते हुए कहा... Hindi · कहानी 525 Share Satyendra kumar Upadhyay 13 Feb 2017 · 2 min read उचकन । क्या ? हुआ रघु ! हॅसते हुए उसके मित्र श्यामू ने पूॅछा ही था कि रघु भी खिल-खिलाकर हॅसते हुए बोला ; भाई बस जरा सा ! साहेब को आज... Hindi · लघु कथा 676 Share Satyendra kumar Upadhyay 13 Feb 2017 · 1 min read चुगली । नंद और भौजाई साथ-2 एक ही जगह नौकरी करतीं थी।एक दिन नंद को पता नहीं क्या सूझा कि भाई से चुगली कर दी, नौबत रिश्ता टूटने तक आ पहुँची तो... Hindi · लघु कथा 1 372 Share Satyendra kumar Upadhyay 12 Feb 2017 · 2 min read लाचार ओढ़नियाॅ । हाॅ ! बोलो ; टीना जी ! क्या हुआ ? क्यूँ लेट हो गयीं ? वह बस कहीं बच्चों और अपनी घरेलू परेशानियों की दुहाई दे , रोने लगती थी... Hindi · कहानी 338 Share Satyendra kumar Upadhyay 12 Feb 2017 · 1 min read वाह ! ये भायी । वाह ! ये भायी !! ************** गर्मी आयी , मन को भायी ! बढ़ जाने पर , हाय बढ़ायी !! ठंडी आयी , लहरें भायी ! ठंड बढ़ी तो ,... Hindi · कविता 275 Share Satyendra kumar Upadhyay 12 Feb 2017 · 1 min read मायका । सुरेश शाम घर पहुँचा, सारे टीन-टप्पर इधर-उधर , पड़ोसी व पुलिस खोज में , नजर घूमी तो मालकिन बच्चों के साथ दिखी, आकर धीरे से बोली, मायके में बीमार माॅ... Hindi · कहानी 801 Share