सरस्वती कुमारी Tag: कविता 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सरस्वती कुमारी 26 Jan 2017 · 2 min read माँ गूँजने दो मेरी भी किलकारी माँ तेरी बगिया की हूँ नाजुक सी कली क्यों चढ़ाती हो बार-बार मेरी ही बलि बेटों को हमेशा तूने मुझसे ज्यादा ही चाहा पढ़ाया -लिखाया, सर पर खूब चढ़ाया मुझे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 4k Share सरस्वती कुमारी 24 Feb 2017 · 1 min read *महादेव * *महादेव * हे देवों के देव महादेव! तुम ही सत्य हो तुम ही शिव हो तुम ही सुंदर हो हर-हर महादेव । तूने पिया विष हलाहल हमसब को दिया अमृत... Hindi · कविता 1 1k Share सरस्वती कुमारी 2 Apr 2017 · 1 min read बेटी आई घर-आँगन महकाई बेटी आई घर-आँगन महकाई खिलखिलाती धूप सी आई सागर की मोती जैसी दीया की बाती जैसी जगमगाती ज्योति आई बेटी आई घर -आँगन महकाई खिलखिलाती धूप सी आई पिता की... Hindi · कविता 2 926 Share सरस्वती कुमारी 25 Jan 2017 · 2 min read माँ गूँजने दो मेरी भी किलकारी माँ तेरी बगिया की हूँ नाजुक सी कली क्यों चढ़ाती हो बार-बार मेरी ही बलि बेटों को हमेशा तूने मुझसे ज्यादा ही चाहा पढ़ाया -लिखाया, सर पर खूब चढ़ाया मुझे... Hindi · कविता 1 1 788 Share सरस्वती कुमारी 1 Mar 2017 · 1 min read *बेटी को बचाना बेटी को पढाना है * घर-घर शिक्षा का दीप जलाना है बेटी को बचाना,बेटी को पढ़ाना है । सब पढ़ें, सब आगे बढ़े ऐसी मन में ठान ले हर एक को मिले शिक्षा का अधिकार... Hindi · कविता 770 Share सरस्वती कुमारी 1 Mar 2017 · 1 min read *धरा* अपने आँगन में खेल रही धरा फूल-फूल को चूम रही है धरा कलि-कलि संग झूम रही धरा पवन संग धूम मचा रही है धरा नदियों संग बहती जाती है धरा... Hindi · कविता 609 Share सरस्वती कुमारी 23 Feb 2017 · 1 min read उषा *उषा * रजनी बीती हौले -हौले , उषा मुस्काती आई । लाल -लाल बिंदिया रवि का , माथे पे सजाती आई । लिए अनंत प्रकाश-पुंज आभा, धरा को जगमगाती आई... Hindi · कविता 574 Share सरस्वती कुमारी 14 Feb 2017 · 1 min read विरह गीत फागुन में मन हिलोर मारे आईल ना अबहूं सजनवा सब सखियन मिली ताना मारे विरह बाण छेदत है करेजवा मन की मन ही जानै सावरे जब से गइलै पिया विदेशवा... Hindi · कविता 442 Share सरस्वती कुमारी 3 Mar 2017 · 1 min read *कर्ज़* *कर्ज़ * मातृ-ऋण से जग में होता नहीं कोई उऋण जिस जननी ने जन्म दिया अपने स्नेह-जल से सींचकर पाला-पोषा और बड़ा किया उस माँ को सर-आँखों पे बिठाना है... Hindi · कविता 403 Share सरस्वती कुमारी 1 Mar 2017 · 1 min read *कानहा खेले होरी * कानहा खेले होरी संग राधा गोरी कानहा के हाथ कनक पिचकारी राधा के हाथ अबीर की पोटरी रंग लगायो कानहा ऐसो राधा हो गई मन-मगन श्याम के रंग में रंग... Hindi · कविता 407 Share सरस्वती कुमारी 26 Feb 2017 · 1 min read *महकती फूल हूँ * महकती फूल हूँ मसले जाने या फिर मुरझाने का कोई गम नहीं है हवा में तिरती सौरभ हूँ अपना अस्तित्व पहचान खुद हूँ झोंका पवन का बिखरा सकता नहीं थार... Hindi · कविता 320 Share सरस्वती कुमारी 27 Mar 2017 · 1 min read चूड़ियाँ हर सुहागन का श्रृंगार है चूड़ियाँ साजन का मनुहार है चूड़ियाँ। इशारों में बात करती हैं चूड़ियाँ हाल दिल का सुनाती हैं चूड़ियाँ। रंग-बिरंगी सबके मन भाती ये चूड़ियाँ जीवन... Hindi · कविता 1 339 Share