संतोष बरमैया जय Language: Hindi 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संतोष बरमैया जय 18 Jun 2023 · 1 min read ले आओ बरसात जंगल झाड़ी सूखी सारी, सूखी सारी घास। काले-काले बादल भैया, ले आओ बरसात।। तपती रहती सड़कें सारी, पगडण्डी की रेत। तेज धूप में मिट्टी फटती, सहमे सारे खेत। जनमानस की... Hindi · कविता 1 816 Share संतोष बरमैया जय 6 Sep 2020 · 1 min read दौलत मुझे होना विरासत में उड़ानों का मुझे हर राज दे जाना। अधूरे ख्वाब जो छूटे वही सब आज दे जाना।। समय की चाल से आगे भला जाता कहाँ कोई। समय के साथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 287 Share