संजय सिंह Tag: कविता 22 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संजय सिंह 3 Nov 2018 · 1 min read ll मां ll डांटती है कभी मनाती है l तल्ख बातों में प्यार शामिल हैll "आज सबकुछ मेरा दिया तुझको l कौन कहता करार शामिल है ll" मां ने तुमको बड़ा किया फिर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 25 709 Share संजय सिंह 30 Jan 2018 · 1 min read सब चोर लुटेरे क्या गाऊं घनघोर अंधेरे क्या गाऊं l सब चोर लुटेरे क्या गाऊं ll दुनिया में सपने बिकते हैं l जेब भी खाली क्या गाऊं ll तिरंगा भी लहराता हूं l जन गण... Hindi · कविता 1 487 Share संजय सिंह 28 Feb 2017 · 1 min read II तुम पिछली कहानी भूल गए....II तुम पिछली कहानी भूल गए, हम बीते कल में ही अटके हैं l जाने तुम रस्ता अपना भूल गए , या हम अपनी ही राहें भटके हैं l ऐसे तो... Hindi · कविता 1 352 Share संजय सिंह 24 Feb 2017 · 1 min read II कुछ भी हुआ ना पूरा....II कुछ भी हुआ ना पूरा ,हर काम है अधूराl जाना पड़ेगा फिर भी,अनुबंध है करारे ll ना तुम ने कुछ दिया है ,ना मैंने कुछ लिया है l गम और... Hindi · कविता 1 346 Share संजय सिंह 24 Feb 2017 · 1 min read II.....मुश्किल है पर अच्छा है II टूटा दिल और टूटे सपने ,पहले ही सब दफन किएl कफन ओढ़ कर जिंदा रहना ,मुश्किल है पर अच्छा हैll आऊंगा कह कर जाना ,लिपट तिरंगे में फिर आना l... Hindi · कविता 430 Share संजय सिंह 23 Feb 2017 · 1 min read II तुम ही सुबह शाम हमारे II तुम ही सुबह शाम हमारे, सूरज चंदा तारे हो l सारी दुनिया से क्या मतलब, बस तुम ना मुझको रोकना ll एक दूजे का साथ है तो, यह जीवन रण... Hindi · कविता 604 Share संजय सिंह 22 Feb 2017 · 1 min read भीड़ में तनहा भीड़ में तनहा कब ,पल्लवित और पुष्पित हो गयाl एक जर्रा इस कदर, फैला की दुनिया हो गया ll मन मेरा था मैला आंचल, जब आया तेरे हाथl गौर से... Hindi · कविता 405 Share संजय सिंह 22 Feb 2017 · 1 min read II राजनीति स्वच्छ कैसे होगी II राजनीति स्वच्छ कैसे होगी? हम चुनते हैं अपना प्रतिनिधि , बहुमत का शासन बहुता भ्रष्टों की, उन्हीं में से कोई आएगा चुना जाएगा, राजनीति स्वच्छ कैसे होगी? भ्रष्ट क्यों चुनेंगे... Hindi · कविता 482 Share संजय सिंह 21 Feb 2017 · 1 min read II टूट गया कुनबा ...II टूट गया कुनबा, सब कुर्सी के दीवाने हैंl सत्ता का नशा इतना, अपने भी बेगाने हैं ll ना लाज शर्म कोई , बेशर्म कहे फिर भीl जज्बात तुम्हारे अब ,... Hindi · कविता 318 Share संजय सिंह 18 Feb 2017 · 1 min read II नजर II उठाना गिराना गिराकर उठाना , हुआ खेल कितना नजर ही नजर में l वहीं पर रहा हूं वहीं पर रहूंगा, गिरा ना कभी मैं जो मेरी नजर मेंll जो तुमने... Hindi · कविता 643 Share संजय सिंह 18 Feb 2017 · 1 min read II रास्ते में हूं...II रास्ते में हूं, पर उसे ढूंढता l नासमझ हूं यह, क्या ढूंढता ll ईंट बालू के जंगल, वही देवता l फरियादों का क्यों, असर ढूंढ़ता ll शाम आई पूरा ,सफर... Hindi · कविता 535 Share संजय सिंह 17 Feb 2017 · 1 min read II मोहब्बत का दिया.....I मोहब्बत का दिया, यार अब तो जलाओ l अब मेरे होसले को, मत और आजमाओll ******************************** बहुत कुछ है यहां खोया ,नफरतों में हमनेl हम वतन और हमसे वतन ,उनको... Hindi · कविता 554 Share संजय सिंह 15 Feb 2017 · 1 min read II मोहब्बत II एक लफ्ज है नाम मोहब्बत , दुनिया का है राज मोहब्बत, बिन इसके ना बाप न बेटा , राखी की है लाज मोहब्बत lI ना गांधी ना नेहरू होते, आजाद... Hindi · कविता 569 Share संजय सिंह 13 Feb 2017 · 1 min read II हौसला,इंसान से मशीन II वक्त का अपना कोई आकार नहीं होता , सुना है ईश्वर भी साकार नहीं होता l वक्त पर काम, इंसान मशीन नहीं है, मशीन से कोई सपना, साकार नहीं होता... Hindi · कविता 1 1 501 Share संजय सिंह 12 Feb 2017 · 2 min read हम भी एक दिन बड़े बनेंगे .... हम भी एक दिन बड़े बनेंगे .... बड़े-बड़े घोटाले होंगे, माना के मुंह काले होंगे , फिर भी सीना तान चलेंगे , खद्दर से मुंह साफ करेंगे , लेनदेन की... Hindi · कविता 458 Share संजय सिंह 12 Feb 2017 · 1 min read II मतदाताओं का अधिकार II मतदाताओं का अधिकार , बस एक मत पत्र, चंद बूंद स्याही, और कुछ वर्षों तक, मुंह बंद रखने के लिए एक मोहर l और उसके बाद फिर वही,महंगाई , बेकारी,... Hindi · कविता 486 Share संजय सिंह 12 Feb 2017 · 1 min read II नेता या अभिनेता II वह कोई नेता या अभिनेता रहा होगा , क्योंकि जब उसने देखा जनता की भूख और प्यास को, तरसती आंखों में रोटी कपड़ा और मकान की आस को, तब उसकी... Hindi · कविता 512 Share संजय सिंह 8 Feb 2017 · 1 min read ***चेहरा*** रोज नया एक सूरज निकले, रोज नया एक चेहरा हैl जिससे कल पहचान हुई थी, आज कहां वह चेहरा है ll हर पल दुनिया बदल रही, बहती दरिया के कूलों... Hindi · कविता 326 Share संजय सिंह 7 Feb 2017 · 1 min read II जरूरी है II आंखों की भाषा से आगे, बढ़ना जरूरी है l शब्द ना दे साथ फिर भी, कहना जरूरी है ll आंखों का क्या खुशी में भी, आंसू बहाती है l आंखों... Hindi · कविता 376 Share संजय सिंह 6 Feb 2017 · 1 min read जीवन के मदिरालय में सोम सुधारस पान करें हम, जीवन के मदिरालय में l झगड़े झंझट छोड़- छाड़ सब, प्यार भरे मदिरालय में ll तेरी चाहत में जग मिथ्या, निज जीवन का मर्म यही... Hindi · कविता 340 Share संजय सिंह 5 Feb 2017 · 1 min read मैं घरौंदा रेत का सागर सा तू विशाल, मैं घरौंदा रेत का l निश्चित है परिणाम, इस जीवन के खेल का ll उद्देश्य ढूंढता हूं, दो लहरों के दरमियां l क्या सबब है यहां,... Hindi · कविता 528 Share संजय सिंह 4 Feb 2017 · 1 min read शराफत जिंदगी में अब कहां है दूध मे मिलता है पानी, स्कूल में अध्यापक की मनमानीl रोज ही होते घोटाले, खबर अखबारों में आनी जानीll चोर पुलिस सब खेल रहे हैं, जनता के अधिकारों से l... Hindi · कविता 330 Share