Sonika Mishra Language: Hindi 29 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sonika Mishra 17 Feb 2018 · 2 min read मुक्तक भाग 1 मैं बाटती हूं रौशनी मेरा कोई ठिकाना नहीं है! तेरे इस शहर में अब मेरा आना जाना नहीं है! यूं तो मैं आज भी अंधेरों में महफूज़ रहती हूं! इस... Hindi · मुक्तक 1 366 Share Sonika Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read क्या सच में अब तुमको प्यार नहीं है!! माना कि वो लम्हा साथ नहीं है! हम तो है पर वो बरसात नहीं है!! हमसफ़र भी हो मेरे, पास भी हो! पर फिर भी हांथो में हांथ नहीं है!!... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 583 Share Sonika Mishra 21 Jul 2017 · 1 min read मुझे कुछ दिनों की, मोहलत तो दे दो! मुझे कुछ दिनों की, मोहलत तो दे दो! तुम्हारी गली में, यूं न भटका करुँगी!! यादों में तेरी खुद को, सताने तो दो! तुझसे लिपटकर, यूं न रोया करुँगी!! अभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 427 Share Sonika Mishra 19 Jul 2017 · 1 min read कभी वो पास आता है, कभी तो रूठ जाता है! कभी वो पास आता है, कभी तो रूठ जाता है! मेरे लिए ही तो, खुशियां जहां की लूट लाता है!! नदी की एक लहर सा वो, बहकता चल रहा है!... Hindi · कविता 531 Share Sonika Mishra 20 Apr 2017 · 1 min read मैं तो अब भी तुममें ही जीता हूं दिन भर गर्मी में जलता हूं! तब तुमको खुश करता हूं! तुम मुझको नहीं समझते! कैसे ख्वाइश पूरी करता हूं!! सुबह निकलता हु सूरज बनकर! सूरज सा ही हर शाम... Hindi · कविता 373 Share Sonika Mishra 8 Feb 2017 · 1 min read वक्त की खींचा तानी में जमाने चले गए वक्त की खींचा तानी में जमाने चले गए! अँधेरे की चौखट पर दर्द मिटाने चले गए! जब वक्त की मार से हौसले कमजोर दिखे! खुद को सूरज की लौ में... Hindi · मुक्तक 490 Share Sonika Mishra 10 Dec 2016 · 1 min read खेलती है चिन्गारियां खेलती है चिन्गारियां बेबस आग के लिए है मजदूर लहू बहाता कठपुतली से बैठे साहूकार के लिए दीर्घ चोटी पर है लहराता ध्वजा मिट जाती है नींव स्वाभिमान के लिए... Hindi · कविता 1 3 432 Share Sonika Mishra 7 Dec 2016 · 1 min read देखकर शोहरत मेरी देखकर शोहरत मेरी क्यूँ जल रहा है वो था अभी तक साथ मेरे क्यूँ अकेला चल रहा है वो हर रोज कहता था वो दर्द दिल के सुनाता था भावना... Hindi · कविता 1 1 920 Share Sonika Mishra 7 Dec 2016 · 1 min read आज की बेटी है अग्रसर देश मेरा पर आज की बेटी कहां है खुद की आवाज बनती खुद बिखरती खुद संवरती पर आज की बेटी कहां है है ज्वलित हर मुद्दा यहां खोदता... Hindi · कविता 2 757 Share Sonika Mishra 13 Nov 2016 · 1 min read कतरा कतरा जी रही है वो गजल :- कतरा कतरा जी रही है वो-: कतरा कतरा जी रही है वो दर्द-ए-आंसू पी रही है वो त्याग करके घर बनाती रही उसी घर में घाव सी रही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 657 Share Sonika Mishra 6 Nov 2016 · 1 min read एक रूप में हिन्दुस्तानी निर्मल पावन सुंदर स्वर्णिम सुशोभित करते नाद मेरे भारत माँ को हैं समर्पित हर पल ये प्राण मेरे भिन्न भिन्न है धर्म हमारा भिन्न भिन्न है रूप रहते हैं हम... Hindi · कविता 1 690 Share Sonika Mishra 30 Oct 2016 · 1 min read क्या सोचा है तुमने, क्या सोचा है तुमने, आज दिवाली क्यूँ मना रहे । ऐसी कौन सी विजय मिली, जो दीप खुशी का जला रहे ।। क्या सोचा है तुमने, अरमान किसी के टूट... Hindi · कविता 2 671 Share Sonika Mishra 23 Oct 2016 · 1 min read हद से बढ़ा हाइकु :- हद से बढ़ा ! वो सरहद पर ! आकर खड़ा !! आज है भरा ! हमारे दुश्मन के ! पाप का घड़ा !! है मिटाने का ! इस... Hindi · हाइकु 1 611 Share Sonika Mishra 20 Oct 2016 · 1 min read शायरी भाग 1 मेरी ज़िंदगी की तन्हाई का, कोई रास्ता नहीं है | हर पल एक चोट सी चुभी है, मेरी मुस्कान का इससे, कोई वासता नहीं है || ************** हर तरफ एक... Hindi · शेर 1 997 Share Sonika Mishra 19 Oct 2016 · 1 min read सच कोई जीतने की चाहत रखता है, कोई प्यार की इबादत करता है | बड़ा कमज़ोर है आदमी, सोचता है पाने को मंज़िल, पर हाँथ खाली रखता है || ज़िंदगी के... Hindi · कविता 2 1 644 Share Sonika Mishra 17 Oct 2016 · 1 min read तू हार न अभी तू हार न अभी छमता को अभी पहचानना है ख़ामोशी को लगा न गले तपते सूरज को निहारना है कर न नीरस मन को अभी बाकी है कुछ रातें अभी... Hindi · कविता 1 3 1k Share Sonika Mishra 16 Oct 2016 · 1 min read अंधेरे जोड़ के मुक्तक :- तुम गये क्यूं छोड़ के ! कसमे वादे तोड़ के ! जी रहे हैं हम अकेले ! बिखरे मोती जोड़ के !! देखते है जब मुख मोड़ के... Hindi · मुक्तक 1 675 Share Sonika Mishra 15 Oct 2016 · 1 min read प्रमाण चाहिये मुक्तक उसको हर बात का जवाब चाहिये ! मेरे दिन और रात का हिसाब चाहिये! चलना तो चाहूं हर कदम उसके साथ! पर मेरे विश्वास का उसे प्रमाण चाहिए!! -... Hindi · मुक्तक 1 1 638 Share Sonika Mishra 15 Oct 2016 · 1 min read कब सावन आवे धूप सुनहरी चलती रहती, वक्त का दामन थामे | पर्वत नदियाँ सब सहमे से, कहते है कब सावन आवे || पतझड़ छाया है मन में, मुस्कान भी धूमिल होती जाती... Hindi · कविता 1 650 Share Sonika Mishra 14 Oct 2016 · 1 min read जीतने का जूनून आसमां क्या चीज़ है वक्त को भी झुकना पड़ेगा अभी तक खुद बदल रहे थे आज तकदीर को बदलना पड़ेगा अधूरी कहानी छोड़ने की आदत नहीं है मुझे दिल पर... Hindi · कविता 1 2 823 Share Sonika Mishra 14 Oct 2016 · 1 min read आशियाना है वहां ना जाने वो कहां इस गली इस शहर को छोड़कर वो अब रहता कहां सो गए है जख्म पर दर्द है जागे यहां मैं जिंदा हूं अभी है मेरी सांसे... Hindi · कविता 1 600 Share Sonika Mishra 14 Oct 2016 · 1 min read ऐ बचपना ऐ बचपना, मुझे जाने दे आगे बड़ना है मुझे तेरी मासूमियत को छोड़कर मुसीबतों से लड़ना है मुझे तू बहुत नादान है मेरे चेहरे की मुस्कान है पर अब दुनिया... Hindi · कविता 1 575 Share Sonika Mishra 12 Oct 2016 · 1 min read एक हलचल सी है हवाओं में भी, एक हलचल सी है । तुमसे मिले तो, आहट सी है ।। खोकर भी जाना, पाकर भी जाना । कोई नहीं है, सबसे दिवाना ।। हवाओं में... Hindi · गीत 809 Share Sonika Mishra 12 Oct 2016 · 1 min read झूठ बहका,सच है महका झूठ बहका,सच है महका पाप के अंधकार में, रोशनी का दीप कहता था तेरा कभी, जो बोलबाला छल से लिपटा, फकत एक सहारा है आज मेरे कदमों में तू छत... Hindi · कविता 1 590 Share Sonika Mishra 12 Oct 2016 · 1 min read वक्त वक्त जो गुज़र गया उसको तलाशते रहे किसी की याद में वो आज भी आंसू बहाते रहे दो पल के लिए भी कोई रुक न सका वो उम्र भर उनको... Hindi · शेर 728 Share Sonika Mishra 12 Oct 2016 · 1 min read क्युँ नहीं है हम हार के भी मुस्कुराते है तू जीत कर खुश क्युँ नहीं है एहसास है मुझे तेरे गम का तू मेरे जख्मों से रूबरू क्युँ नहीं है मेरे हर लब्ज़... Hindi · शेर 585 Share Sonika Mishra 12 Oct 2016 · 1 min read एक सवाल बनकर ऐसा न हो भीड़ में खो जाए हम कुछ पल चले और ठहर जाएं हम बिखर न जाएं कही ख्वाब बनकर जी रहे है हम एक सवाल बनकर शायद कुछ... Hindi · कविता 1 595 Share Sonika Mishra 11 Oct 2016 · 1 min read ऐे ज़िंदगी ऐे ज़िंदगी मुझे तुझसे मोहब्बत क्युँ है, तू हसती है मेरे जख्मों पर , फिर मुझे तेरी आदत क्युँ है | गिरना भी तूने सिखाया, उठना भी तूने सिखाया, फिर... Hindi · कविता 1 3 667 Share Sonika Mishra 11 Oct 2016 · 1 min read मेहनत तू क्यूं करता है तुलना उनसे जो रहते है जग में बनकर न्यारे जरा देख उन्हे भी जो रहते है भूखे पेट बिचारे धन्य हो तुम जो ईश्वर ने दो... Hindi · कविता 1 6 697 Share