seervi prakash panwar Tag: कविता 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid seervi prakash panwar 25 Jul 2017 · 1 min read उम्मीद न होंगी... साहब..... शहर में कुछ अशांति सी दिख रही, कोई बोल रहा था कि.... जो किया वो अच्छा ही था, मगर कोई बोल रहा हैं... चौखट के बाहर निकाली ही क्यों?.... Hindi · कविता 343 Share seervi prakash panwar 29 Jul 2017 · 1 min read "हाऊ मच दिस... "हाऊ मच दिस... इक दोई चार... ना बेटा, इक दोई चार ना, एक दो तीन चार... सुबह सुबह की यह करतल ध्वनि, कानों को महफूज़ करती थी, आज भी सुनता... Hindi · कविता 350 Share seervi prakash panwar 2 Sep 2017 · 1 min read जरूरी नही था ज़रूरी नहीं था की दुनिया के रंग देखूँ, ज़िगर का टुकड़ा बनाना भी ज़रूरी नहीं था, बस ज़रूरी था की तेरे गर्भ में पल भर रहूँ, वैसे तो बेटी कहना... Hindi · कविता 494 Share seervi prakash panwar 14 Sep 2017 · 1 min read आखिर मेरा लल्ला फिर घर आएगा! उम्मीदों का ताज फिर से पहनाएगा!! आख़िर मेरा लल्ला फिर घर आएगा! उम्मीदों का ताज फिर से पहनाएगा!! इन्तजार हैं इस चौखट पर, कल मेरा लल्ला फिर घर आएगा! थक चुकी हैं आँखे, मगर उम्मीद बाँधने... Hindi · कविता 243 Share seervi prakash panwar 15 Sep 2017 · 1 min read ग़ज़ब हो रहा............. "आखिरकार.... साहब माफ़ करना, सोचने की बात हैं कि, "ग़ज़ब हो रहा था" या "सब कुछ ग़ज़ब हुआ था" साहब..... इसमें अज़ीब यह नहीं कि, जिसके नाम की साँसे चल... Hindi · कविता 253 Share seervi prakash panwar 19 Oct 2017 · 1 min read मत रो माँ .आँगन भीग रहा, कहा जलाऊ में फुलझड़ी.. यह अंधड़ सी क्यों चल रही, दीप जलने क्यों नहीं दे रही, क्यों यह सुना-सुना आंगन, फुलजड़ी जलने नहीं दे रहा, आखिर क्यों वो टेढ़ी-मेढ़ी, अपना रास नहीं आ रही,... Hindi · कविता 270 Share