Rishab Shukla 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rishab Shukla 28 Mar 2017 · 1 min read मैं औऱ वो मै नजरो से नजरे मिलाता रहा वो नजरो से नजरे चुराती रही मै उसे देखकर यू मचलता रहा वो मुझे देखकर मुस्कुराती रही मैं हुस्न की अदा पर मरता रहा... Hindi · कविता 1 526 Share Rishab Shukla 16 Jan 2017 · 1 min read आपके शहर से.... न गिला न शिकवा न तिज़ारत आपके शहर से हमे तो बस जरा सी मोहब्बत आपके शहर से। छोड़कर हीरा रख दिया ,सारे नगीने खिदमत में हमे चाहिए हमारी ही... Hindi · कविता 438 Share Rishab Shukla 4 Jan 2017 · 1 min read तुम्हारा नाम भ्रमर गुंजित मोहब्बत का ,नया पैगाम अंकित है नवल यौवन के अधरों पर ,मधुर मुस्कान अंकित है विस्मरित हो गयी सदियों से संजोयी सुखद यादे मगर अब भी तरुण दिल... Hindi · मुक्तक 1 310 Share