Rekha Rani Tag: कविता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Rekha Rani 18 Sep 2017 · 1 min read नारी -शक्ति हे नारी क्षुद्र नदियाँ नहीं हो तुम,, तुम हो अथाह,,अगाध जलनिधि नयन-वारि की,,, कभी चिरनिद्रा सी शाँत,गंभीर,, ज्वार-भाटे नित उठते-गिरते कभी जिनमें तू तनहा डूबती-तिरती --खाती गोते उफ किए बिना... Hindi · कविता 3 614 Share