Bhupendra Rawat Language: Hindi 324 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Bhupendra Rawat 30 Apr 2020 · 1 min read बहुत खुश थे ज़िन्दगी को पाकर बहुत खुश थे ज़िन्दगी को पाकर हंसते हंसते हर ग़म को गले लगाया था बेखबर थे जिन्दगी असलियत से तेरी अपनो के शहर में अज़नबी से दिल लगाया था भूपेंद्र... Hindi · कविता 3 2 463 Share Bhupendra Rawat 29 Apr 2020 · 1 min read किताब के पन्नो में रूठा हुआ मिला मुझे वो शख़्स किताब के पन्नो में रूठा हुआ मिला मुझे वो शख़्स जो मुरझा गया है दफ़न किताब के पन्नो के साथ वही मोती, वही एहसास जो खटखटा रहें है,द्वार इतिहास की... Hindi · कविता 3 2 295 Share Bhupendra Rawat 29 Apr 2020 · 1 min read सारे दरवाज़े बन्द कर दिए वापस आने के सारे दरवाज़े बन्द कर दिए वापस आने के रिश्ते सारे तोड़ लिए इस ज़माने से फ़क़त एक मर्ज़ ही तो था इलाज़ हो जाता क्या मिला तुम्हे रूठ कर जाने... Hindi · कविता 4 1 231 Share Bhupendra Rawat 28 Apr 2020 · 1 min read ख्वाइशें जीने कहां देती है ख्वाइशें जीने कहां देती है गर बिछड़ना भी चाहो,तो मरने कहां देती है उम्र कट जाती है,ख्वाइशों के बोझ तले अधूरी ख्वाइशें सजा-ए-मौत सुना देती है भूपेंद्र रावत 28।04।2020 Hindi · मुक्तक 5 383 Share Bhupendra Rawat 28 Apr 2020 · 1 min read तुम्हारा इंतेज़ार है मुझको तुम्हारा इंतेज़ार है मुझको तिल तिल करके मरने से प्यार है मुझको जब तक सांसे है निहार लेने दे तेरे दीदार का आज तक इंतेज़ार है मुझको भूपेंद्र रावत 28।04।2020 Hindi · मुक्तक 4 269 Share Bhupendra Rawat 28 Apr 2020 · 1 min read इस तरह खुद को ज़ाया करते है इस तरह खुद को ज़ाया करते है तड़पते है,और खुद को भिगाया करते है जीने की ये भी एक कला है,सीख लो गुज़रें लम्हों को याद कर यूं मन्द मन्द... Hindi · मुक्तक 5 395 Share Bhupendra Rawat 28 Apr 2020 · 1 min read ज़िन्दगी एक सफ़र में गुज़र जाती है ज़िन्दगी एक सफ़र में गुज़र जाती है मन्ज़िल अंत तक अधूरी रह जाती है कोई खड़ा इंतेज़ार करता रहता है चोरी से आकर मौत गले लगाकर चले जाती है भूपेंद्र... Hindi · मुक्तक 4 198 Share Bhupendra Rawat 28 Apr 2020 · 1 min read आसमां करीब है मेरे आसमां करीब है मेरे जुगनुओं से गुफ्तगू जारी है तुम भी आकर देखो जरा महफ़िल में, आज जुगनुओं की नही तुम्हारी बारी है। भूपेंद्र रावत 27।04।2020 Hindi · कविता 3 460 Share Bhupendra Rawat 28 Apr 2020 · 1 min read लोन ली हुई है ज़िन्दगी लोन ली हुई है ज़िन्दगी अब किश्ते चुका रहा हूँ छोटी सी ज़िन्दगी है,साहब यूं ही बोझ तले गुज़ार रहा हूँ भूपेंद्र रावत 28।04।2020 Hindi · कविता 3 505 Share Bhupendra Rawat 27 Apr 2020 · 3 min read मायज़ाल:ज़िन्दगी का कठोर सच "तुम्हारी राह कब से देख रही थी।कहां रह गए थे ?आज तुमने आने में देर कर दी।तुम्हें मालूम नही घर पर भी कोई है जो तुम्हारा इंतज़ार करता है,लेकिन तुम्हे... Hindi · कहानी 1 472 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read दिल जीतने का कोई उपहार दो न दिल जीतने का कोई उपहार दो न छूटी वाला फिर से कोई इतवार दो न कल तक हर पहर ख्यालों में क़रीब था फिर से क़रीब आ वही प्यार दो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 245 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read पुरानी कोई कहानी न पूछो पुरानी कोई कहानी न पूछो उनकी दी हुई निशानी न पूछो आज भी तन्हा भटका है मुसाफ़िर तन्हा सफर की ज़िंदगानी न पूछो भूपेंद्र रावत 24।04।2020 Hindi · मुक्तक 1 451 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read पता है डूब कर मर ही जाना है पता है डूब कर मर ही जाना है फिर भी उस सफ़र पर जा रहा हूँ मैं जिस राह से तोड़ आया रिश्ता पुराना कदमों के निशान को खोजता जा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 553 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read फासलों से दूरी है मेरी फासलों से दूरी है मेरी आज भी मोहब्बत अधूरी है मेरी खफ़ा तू जब से है वफ़ाओं से दूरी है मेरी भूपेंद्र रावत 25।04।2020 Hindi · मुक्तक 1 517 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read फुर्सत के लम्हे गुज़र जाया करते थे फुर्सत के लम्हे गुज़र जाया करते थे आज उन्ही लम्हों को काटना दुश्वार हो रहा है तेरे संग गुज़ारे थे जो लम्हें हंसते हंसते आज उन्हीं लम्हों का इंतेज़ार हो... Hindi · कविता 1 259 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read एक और मज़हब बना कर देखते है एक और मज़हब बना कर देखते है इंसानो का दर्द मिटा कर देखते है न हो बैर इंसानो का इंसानो से ऐसी रस्म निभा कर देखते है भूपेंद्र रावत 25।04।2020 Hindi · मुक्तक 1 217 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read हर रोज़ आँखों में एक ख़्वाब सजाता हूँ हर रोज़ आँखों में एक ख़्वाब सजाता हूँ मैं रोज़ ख्वाबों का सौदागर बन जाता हूँ खूबसूरत दुनिया ख्वाबों की,झूठी कहानी है सुबह उठता हूँ तो,एक ख़्वाब बेच आता हूँ... Hindi · मुक्तक 1 226 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read घर मे क़ैद खुद को कर लिया है घर मे क़ैद खुद को कर लिया है तेरे शहर में कदम अपना रख लिया है लोकडाउन है आजकल दुनिया सारी तेरे दिल को ही अपनी दुनिया समझ लिया है... Hindi · मुक्तक 1 262 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read भविष्य कभी टिका नही वर्तमान रुका नही भविष्य कभी टिका नही वर्तमान रुका नही समय की इस दौड़ में बच सका ना कोई जीवित है जो,वो स्तय है इतिहास ही तो गुज़रा वक़्त है वर्तमान के कर्मो... Hindi · कविता 1 440 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read प्रतिशोध की ज्वाला को जब तपाया जाता है प्रतिशोध की ज्वाला को जब तपाया जाता है उचित अनुचित के अंतर को भुला दिया जाता है जब जब नारी पर दांव लगाया जाता है मनोरंजन का स्थान युद्ध क्षेत्र... Hindi · कविता 1 1 225 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read तेरे इश्क़ की नदियों में बहता जा रहा हूँ तेरे इश्क़ की नदियों में बहता जा रहा हूँ हर मोड़ पर राह बदलता जा रहा हूँ अब मन्ज़िल की तलाश है, बस मैं खुद से ही दूर होता जा... Hindi · मुक्तक 1 328 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read तेरी हर चाल से वाकिफ हूँ मैं तेरी हर चाल से वाकिफ हूँ मैं अनजाने सफ़र का ठहरा मुसाफ़िर हूँ मैं सोच समझकर रखा है क़दम अंगारों में घायल सिरफिरा सा आशिक़ हूँ मैं भूपेंद्र रावत 21।04।2020 Hindi · मुक्तक 1 649 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read अगर तोड़ना ही है तो तोड़ो ख़ुद का अहम अगर तोड़ना ही है तो तोड़ो ख़ुद का अहम और जोड़ना ही है तो जोड़ों अपने मोतियों की तरह इधर उधर बिखरे हुए रिश्ते. माना की मेरा गणित खराब है... Hindi · कविता 1 1 497 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read सड़क किनारे तड़प रही थी मरकर वो लाशें भी सड़क किनारे तड़प रही थी मरकर वो लाशें भी मदद की गुहार लगा सड़ गयी थी,वो लाशें भी भीड़ थी चारों तरफ़ डर का सा माहौल था ज़िंदा था इंसा... Hindi · कविता 1 1 398 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read तेरी खामोशी मजबूर कर देती है तेरी खामोशी मजबूर कर देती है होता हूँ दूर,थोड़ा और दूर कर देती है ख्यालों में तेरे चूर कर देती है बातों ही बातों में चश्म-ए-दस्तूर कर देती है भूपेंद्र... Hindi · मुक्तक 1 500 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read दिल जीतने का कोई उपहार दो न दिल जीतने का कोई उपहार दो न छूटी वाला फिर से कोई इतवार दो न कल तक हर पहर ख्यालों में क़रीब था फिर से क़रीब आ वही प्यार दो... Hindi · कविता 1 588 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read जिन आंखों ने इंतज़ार में गुज़ार दी रात सारी जिन आंखों ने इंतज़ार में गुज़ार दी रात सारी उन आंखों में अब रोशनी बहुत चुभती है रोशन जहां करने निकले थे जुगनू सारे रोशनी में चमकना कहां उनके बस... Hindi · कविता 1 242 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read सर्वनाश जिसके निर्माता है,मनुष्य दुनिया खड़ी है तबाही के मोड़ पर और उसी मोड़ पर खड़ा है, जीवन ज़िन्दगी जीने की आस लिए आज लड़ाई है,दुनिया को बचाने की सर्वनाश से सर्वनाश जिसके निर्माता... Hindi · कविता 1 227 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read न हिन्दू,न मुस्लिम,न सिक्ख,न इसाई था वो न हिन्दू,न मुस्लिम,न सिक्ख,न इसाई था वो कब्रगाह में दफ़न उन शवों का भाई था वो बहुत नज़ारे देखे थे,मज़हब की आड़ में बड़े दूर से आए थे,इंसान नही कसाई... Hindi · कविता 1 1 494 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read भौतिक जगत एक कल्पना लेख.... ज़िन्दगी जीने का अर्थ कदापी भौतिक जगत की कत्रिम वस्तु के उपभोग से नही है।आज तक जिस प्राकृतिक जगत के गुणों को नज़र अंदाज़ करते हुए भौतिक जगत में... Hindi · लेख 1 1 502 Share Bhupendra Rawat 18 Apr 2020 · 1 min read मैं ख्वाबों को संजोकर अपना घर बनाता हूँ मैं ख्वाबों को संजोकर अपना घर बनाता हूँ अपनी हर राह का तुझे हमसफ़र बनाता हूँ तू बहता समुन्द्र है मुझे तुझ में रम जाना है किया खुद से जो... Hindi · कविता 2 234 Share Bhupendra Rawat 18 Apr 2020 · 1 min read अफवाहें भी ख़बर बन जाती है अफवाहें भी ख़बर बन जाती है ज़िन्दगी जीने का सबक बन जाती है सच अक्सर छुप जाता है,अखबारों में झूठ,फ़रेब बिकता है सरेआम बाज़ारो में चारों और झूठ की मंडी... Hindi · कविता 3 6 279 Share Bhupendra Rawat 18 Apr 2020 · 1 min read खूबसूरत क्या है इस दुनिया में सबसे खूबसूरत क्या है इस दुनिया में माँ का वो स्वार्थहीन ममत्व प्यार झरनों का बहना,पक्षियों की चहचहाना अपनो के मिलने पर आंखे भर आना या बचपन के दिनों को... Hindi · कविता 1 1 266 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read मुबारक़ हो मुझकों वो शब मुबारक़ हो मुझकों वो शब जब ख्वाबों में तुम पैगाम लेकर आई थी हाथ थाम लिया किसी और का बस मुझे अगाह कराने आई थी मैंने भी बुन लिए थे,ख़्वाब... Hindi · कविता 1 344 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read सत्ता के गलियारों में दोषी निर्दोष ही रहेंगे मुक्तक...... सत्ता के गलियारों में दोषी निर्दोष ही रहेंगे ग़रीब,मज़दूर बेचारे खड़े चुप खामोश ही रहेंगे गुज़ार लेंगे कुछ और दिन दोषियों के पाप की सज़ा जब तक अंधी कानून... Hindi · मुक्तक 2 243 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read चारों और पसरा है सन्नाटा चारों और पसरा है सन्नाटा जुगनुओं का प्रकाश स्वतन्त्र पक्षियों की चहचाहट बहती फ़िज़ाओं की आवाज़ आज क़ैद है, मनुष्य अपने बिछाए हुए ज़ाल में. यह परिणाम है. प्रकृति को... Hindi · कविता 2 399 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read न इश्क़ ख़ुदा है न मज़हब कोई आज मालूम हुआ इश्क़ क़ैद पंक्षी है, उस पिंजरे का जो सामाजिक कुरूतियों मान्यताओं की मज़बूत सलाखों में टकरा कर उसी पिंजरे में त्याग देता है,प्राण और आखिर जीत होती... Hindi · कविता 2 477 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read मेरे ख्वाबों की दुनिया में मेरे ख्वाबों की दुनिया में तेरा रोज़ आना जाना है तू ही बता तेरा और कहां ठिकाना है न जाने क्यों तेरी यादें पीछा करती है साए की तरह हर... Hindi · कविता 2 201 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read हिसाब हुआ कि कोई हिसाब नही है हिसाब हुआ कि कोई हिसाब नही है गुज़रते गए दिन तन्हा और कोई किताब नही है मियां क्यों ग़म छुपाए बैठे हो इस ग़म का कोई इलाज़ नही है किस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 444 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read एक दायरा हमनें भी बना रखा है एक दायरा हमनें भी बना रखा है अपनी ख्वाइशों को हमनें भी दबा रखा है माना गर्दिश में सितारे है आजकल मौत को हमनें भी गले से लगा रखा है... Hindi · मुक्तक 2 220 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read ज़िन्दगी तुम ही इनाम लेकर आए थे ज़िन्दगी तुम ही इनाम लेकर आए थे मौत का पैग़ाम भी तुम ही लेकर आए थे ज़िन्दगी गुज़र रही थी इसी जदोजहद में विष सरेआम तुम ही पिलाने आए थे... Hindi · कविता 1 417 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read जब तक जीवित है ज़िंदा एक प्यास रख जब तक जीवित है ज़िंदा एक प्यास रख झूठी ही सही एक छोटी सी आस रख डरी सहमी सी लगती है आवाज़ कोई ज़िन्दगी जीने का खास अंदाज़ रख भूपेंद्र... Hindi · मुक्तक 1 274 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read आज एक नई कहानी लिखे आज एक नई कहानी लिखे इश्क़ तेरी मेहरबानी लिखे आज मजबूर हूँ खुद के किये पर उनकी कोई दी हुई निशानी लिखे भूपेंद्र रावत 16।04।2020 Hindi · मुक्तक 1 533 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read गुज़ारने के लिए शेष रह जाएगा वक़्त गुज़ारने के लिए शेष रह जाएगा वक़्त याद करने के लिए भयावह बातें बन जायेगा इतिहास जिसको आप ओर हम पढ़ते है,और आने वाले वक्त में पढ़ेंगी आने वाली पीढियां... Hindi · कविता 1 270 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read भूल कर सारी दुनिया को फासला यूं ही मिटा देते है लिखते है नाम कागज़ पर तुझे समक्ष अपने पा लेते है भूल कर सारी दुनिया को तुझे सीने से लगा लेते है । भूपेंद्र... Hindi · कविता 1 389 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read पहले ऐसी नफ़रतें कभी न थी पहले ऐसी नफ़रतें कभी न थी इंसानो की ऐसी जरूरते कभी न थी इंसान ही इंसान के काम आता था एक दूजे से शिकायत कभी न थी मज़हब बनाया हमनें... Hindi · कविता 1 317 Share Bhupendra Rawat 9 Apr 2020 · 1 min read कह दो ख्वाबों से कह दो ख्वाबों से दरवाज़े खटखटाया न कर नींद ही नही है ज़नाब आंखों में अब यूं और सताया न कर भूपेंद्र रावत 6।04।2020 Hindi · कविता 2 2 259 Share Bhupendra Rawat 9 Apr 2020 · 1 min read जिस क्षण तुम मेरे आने की राह देख रहे थे जिस क्षण तुम मेरे आने की राह देख रहे थे मैं तुम्हारे ख्वाबों में दस्तक दे चुकी थी बात इतनी सी थी की तुम उस रात सो ही कहां पाए... Hindi · कविता 2 523 Share Bhupendra Rawat 9 Apr 2020 · 1 min read मैं तेरी बातों को कैसे झुठला सकता हूँ मैं तेरी बातों को कैसे झुठला सकता हूँ तुझे सोच कर मैं वक़्त अपना गुज़ार सकता हूँ बात जन्मों जन्मांतर की है, तू सोच कर तो देख इन बन्दिशों में,मैं... Hindi · मुक्तक 3 531 Share Bhupendra Rawat 9 Apr 2020 · 1 min read मैं लिखता हूँ जो कुछ भी मैं लिखता हूँ जो कुछ भी कभी पढ़ कर भी देखो तुम मेरे लिखे हर्फ़ों में बस तुम्हें अपनी सूरत नज़र आएगी सोचता हूँ तुम्हें जब भी खुद ब खुद... Hindi · कविता 2 277 Share Previous Page 2 Next