Rakesh Pandey Language: Hindi 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rakesh Pandey 8 Aug 2017 · 1 min read हम क्या एहसान कोई करते हैं ? झूठ में शान कोई करते हैं हम क्या एहसान कोई करते हैं उस के दर कुछ भी दिया, तो माँगा सिर्फ़ न कि दान कोई करते हैं Hindi · मुक्तक 1 435 Share Rakesh Pandey 8 Aug 2017 · 1 min read नये पेड़ रखे जा चुके हैं करारे लगाकर सवालात उल्फ़त के सारे लगाकर हैं दिल की ख़राशें गले की नहीं जो सुकूँ आ भी जाये गरारे लगाकर चले जायें क्यों कर ओ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 371 Share Rakesh Pandey 8 Aug 2017 · 1 min read चमका फिर से सूरज नवीन धरती को करने तम-विहीन चमका फिर से सूरज नवीन उल्लास लिये संचरित हुए गतिमय शनैः फिर त्वरित हुए मानव, खग-मृग, पशु, विटप, मीन चमका फिर से सूरज नवीन किलकारी भरते... Hindi · कविता 437 Share Rakesh Pandey 7 Aug 2017 · 1 min read अपना पथ स्वयं बनाना है हिमगिरि से लेकर सागर तक बनकर प्रवाह बढ़ जाना है हे अविरल, अविचल जल तुमको अपना पथ स्वयं बनाना है थलचर या जलचर जीव-जन्तु जल, चाहे नभचर हों परन्तु हर... Hindi · कविता 519 Share