Rajshree Gaur Tag: कविता 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rajshree Gaur 5 Feb 2017 · 1 min read वही कल तुमको पाना है मेरे आँगन की चिड़िया, तुम उड़ परदेश जाना है , पिया के देश जाना है। बाबुल का ये आँगन भी सदा देखेगा राह तेरी मिले जब वक्त मेरी लाड़ो, समेटे... Hindi · कविता 382 Share Rajshree Gaur 5 Feb 2017 · 1 min read नैतिक मू्ल्य नैतिक मूल्य रहे कहाँ इन्सानों में मानव भटका स्वार्थ के तानोंबानों में। आदर्शहीन,अवसाद पूर्णजीवनसब जीते, कुकृत्य और हिंसा का गरल सब पीते । रक्षक ही आज भक्षक बना है, आदर्शहीन... Hindi · कविता 1k Share Rajshree Gaur 3 Feb 2017 · 1 min read पिया याद रखना जाते हो जाओ, पर याद रखना, राह की मेरे पहचान रखना । आये जो सावन पिया मन-भावन, बरसेंगे बदरा तरसेंगे नयना, भीगेगा तन-मन,पिया य़ाद रखना। फूलेगी सरसों, महकेंगी क्यारी, कूकेगी... Hindi · कविता 1 1 481 Share Rajshree Gaur 3 Feb 2017 · 1 min read मेरी नजर में धर्म मेरी नजर में ----- क्या है धर्म ? किसी ने मुझसे बोला मैंने भी ...... खुद को टटेला पूजा ? पाठ ? खड़ताल बजाना ? नहीं.....मेरा मन बोला तो फिर......... Hindi · कविता 287 Share Rajshree Gaur 3 Feb 2017 · 1 min read प्रीत बावरी भोली-सी ये प्रीत बावरी, मन मेरा भरमाती है । पी' आयेंगे, चुपके चुपके, कानों में कह जाती है । स्वप्निल नैना द्वार निहारें, मुख पर लाली छाती है। हवा प्रेम... Hindi · कविता 386 Share Rajshree Gaur 2 Feb 2017 · 1 min read एक औरत -----एक औरत---- एक औरत... जब अपमान, तिरस्कार सहते सहते क्षुब्ध हो जाती है, बटोर कर अपने सभी टुकड़े पलायन करना चाहती है तो----- फेरों की, कर्त्तव्यों की हथकड़ियां ममता की... Hindi · कविता 691 Share Rajshree Gaur 27 Jan 2017 · 1 min read मेरी बेटी---मेरीदुनिया मेरी बेटी---मेरी दुनिया तुम कल भी मेरी दुनिया थी, तुम आज भी मेरी दुनिया हो। जब जन्मी तुम मेरे आँगन में, मेरा सूना जीवन चहक उठा । तेरी बाल- सुलभ... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share Rajshree Gaur 26 Jan 2017 · 1 min read मेरी बेटी---मेरी य ------मेरी बेटी---मेरी दुनिया------ तुम कल भी मेरी दुनिया थी, तुम आज भी मेरी दुनिया हो। जब जन्मी तुम मेरे आँगन में, मेरा सूना जीवन चहक उठा । तेरी बाल- सुलभ... Hindi · कविता 1 1 397 Share