डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' Tag: मुक्तक 55 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 17 Jun 2017 · 1 min read मुक्तक मुक्तक (१)अधरों पर मुस्कान खिली जब आँगन देखी फुलवारी। उन्मादित नयना हर्षाए द्वार हँसी जब किलकारी।। (२)ढह गए प्यार के सपने बिछे जब शूल राहों में जली अरमान की बस्ती... Hindi · मुक्तक 372 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Jun 2017 · 3 min read मुक्तक मुक्तक (१)"मुहब्बत" दिखा जो चाँद नूरानी तिरे दीदार को तरसा। सजाकर ख़्वाब आँखों में तसव्वुर यार को तरसा। मुहब्बत ने किया घायल हुआ दिल आज पत्थर है। किया कातिल निगाहों... Hindi · मुक्तक 287 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 1 Jun 2017 · 1 min read मुहब्बत "मुहब्बत" दिखा जो चाँद नूरानी तिरे दीदार को तरसा। सजाकर ख़्वाब आँखों में तसव्वुर यार को तरसा। मुहब्बत ने किया घायल हुआ दिल आज पत्थर है। किया कातिल निगाहों ने... Hindi · मुक्तक 204 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 31 May 2017 · 1 min read "आतप" "आतप" आँचल शूल दिखाय कहे इस तप्त धरा पर नेह लुटाओ। प्रीत बनो सुख बाँह पसारत द्वेष भुला निज ठौर बिठाओ। कंटक सा नित रूप धरो नहि कोमल देह धरै... Hindi · मुक्तक 1 332 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 May 2017 · 1 min read "बेवफ़ाई" "बेवफ़ाई" मुहब्बत में नज़र फ़िसली, दिले नादान ना माना। बसाया रूप आँखों में लुटाया प्यार दीवाना । निगाहें फेरकर उसने हवा का रुख बदल डाला। चुराए ख़्वाब आँखों के कहूँ... Hindi · मुक्तक 1 340 Share Previous Page 2