रजनी मलिक Language: Hindi 32 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid रजनी मलिक 8 Feb 2018 · 1 min read 'मान्यताओं के सिक्के' "पुल से नीचे पानी की साय-साय हो रही थी।नगर की जानी-मानी पवित्र नदी जो बह रही थी इधर से।पुल से गुजरने वाला हर आदमी उस नदी में अपनी छोटी-छोटी मन्नतों... Hindi · कहानी 310 Share रजनी मलिक 6 Sep 2017 · 1 min read कपास के खेत में कपास के खेत में जगमगाती दुधिया रौशनी और वे अनगिनत गिन्नियां जो हर मौसम चलती है ये रात मील का पत्थर है उस सुबह के लिए , जो नया सूरज... Hindi · कविता 448 Share रजनी मलिक 6 Sep 2017 · 1 min read कर सकोगे "कर सकोगे चलो मेरे अनुनाद का अनुवाद कर दो मेरे शब्दों में न सही अपने ही शब्दों में कर दो कर सकोगे,; देखो मै कविता सी बह रही हूँ मेरी... Hindi · कविता 494 Share रजनी मलिक 24 Mar 2017 · 1 min read संयोग "मम्मा !मै कुछ नहीं जानती ,आज हमारे ओल्ड ऐज होम को पूरा एक साल हो गया है,आज तो आपको मेरे साथ चलना ही होगा!" "हाँ संजू बेटा!आज मै पक्का चलूंगी,तुम्हारे... Hindi · कहानी 506 Share रजनी मलिक 15 Feb 2017 · 1 min read गजल "लहरों को पतवार करोगे, तो खुद को मझधार करोगे। साथ न देगा कोई भी जो, बार-बार इनकार करोगे। मनमर्जी कर आज मिटा दो, फिर इक दिन मनुहार करोगे। कहाँ निभेंगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 440 Share रजनी मलिक 21 Jan 2017 · 1 min read हर गजल कुछ कहती है "सुकूँ से भीग जाती है,ये पलकें तेरे आने से, निगाहें जब ठहर जाती तेरे यूँ मुस्कुराने से। ये जो ख्यालों की साजिश है बड़ी है तिश्नगी इसमें, नहीं मिटती किसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 460 Share रजनी मलिक 20 Jan 2017 · 1 min read सब्र "सब्र बरसों का इक पल में जाया हुआ। माज़ी था, सामने वो दबाया हुआ। आलमे बेबसी थी,वो कुछ इस कद्र, इक अकेला किनारा, डूबाया हुआ। दोहराया गया, फिर से मंज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 730 Share रजनी मलिक 20 Jan 2017 · 1 min read वो चेहरा "शराफत का करामाती ताला है सीरत पर" "अनजान सी नज़रें है लेकिन मुस्कान भी है" "उम्मीद देता हर आते जाते को फ़क़ीर मन! "हर मौसम आँखें मेरी उसके इंतज़ार में।" Hindi · हाइकु 594 Share रजनी मलिक 18 Jan 2017 · 1 min read कसक "यक़ीनन यूँ तो बात आती नहीं, कसक बस ये आँखे जताती नहीं। सभी खिड़कियाँ है,खुली सी मगर , हवा भी गुजरकर सताती नहीं। निगाहों में उसकी छुपी अर्जियां, नजाकत तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 687 Share रजनी मलिक 12 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ "नींव है परिवार,आँगन,जोड़ती है बेटियां, पर कही अपने ही हक़ को जूझती है बेटियां। शोर सन्नाटे का,पत्थर पर उभरते नक्श सी, पंख लेकर आसमां को,चीरती है बेटियां। अंश,वारिस की लड़ाई... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2k Share रजनी मलिक 9 Jan 2017 · 2 min read तोहफा लघुकथा *****तोहफा******* आज शोभा बहुत खुश है ,आज उसका बेटा गौरव पूरे 10 साल का हो गयाहै!समय कैसे गुजरता चला जाता है,कुछ पता नहीं चलता,जैसे आज की ही बात हो,जब... Hindi · लघु कथा 540 Share रजनी मलिक 9 Jan 2017 · 1 min read क़रार "मै पूछता हूँ आइने से ,क्या तुझे है ये खबर! करार खो गया कहाँ,कि अजनबी हुई नज़र! बदल दिया जरा से इश्क ने मेरा वजूद ये, कि अब दवा भी... Hindi · मुक्तक 567 Share रजनी मलिक 9 Jan 2017 · 1 min read जिंदगी "इक उम्र जिंदगी से मिलाती चली गई, दामन में सख्त गिरहें लगाती चली गई, दुनिया के रंगमंच पर अभिनय बहुत किया, ये कोशिशें ही आस बढाती चली गई। गिरने लगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 375 Share रजनी मलिक 5 Jan 2017 · 1 min read इंसान अब सच्चा इंसान नहीं है। करे छलावा मान नहीं है। खेल हो रहा मानवता से, कोई भी अनजान नहीं है। मोल चुका सकता है सुख का, पर पैसा भगवान् नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 528 Share रजनी मलिक 5 Jan 2017 · 2 min read प्लास्टिक की गुडिया "सुरभि चलो!जल्दी से तैयार हो जाओ!आज हमें गुप्ता जी के यहाँ पार्टी में जाना है,और प्लीज अच्छी सी साड़ी डालना कोई।"सुरभि ये सुनते ही हैरान हो गई,"प्रणय तुमने मुझे पहले... Hindi · लघु कथा 706 Share रजनी मलिक 2 Jan 2017 · 1 min read राजनीति "कुर्सियां हो गयी जीत दमदार की, ऐसे जनता बनी नींव जनाधार की। ******** "भीड़ भारी है संसद में भी आजकल, उसमें सुनता नहीं कोई लाचार की। ***** कोई कानून जैसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 395 Share रजनी मलिक 7 Dec 2016 · 1 min read वो एक अकेली पर, दो घर को संजोये है "वो एक अकेली पर ,दो घर को संजोये है। अनमोल खजाना है,बेटी में जो पाए है।" ये रस्म विदा की इक आँगन से हुई जब भी, छूटे वही सब रिश्ते,जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 514 Share रजनी मलिक 7 Dec 2016 · 1 min read देर तक* "वक़्त ने पहले सताया देर तक, आस ने लड़ना सिखाया देर तक, अर्जियों ने मेरी खुलकर बारहा, आस का दर खटखटाया देर तक। कुछ कहाँ चाहा था हमने खुदबखुद ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 553 Share रजनी मलिक 7 Oct 2016 · 1 min read गजल-३ काफिया-आते रदीफ़-है बहर-2122 12 12 22 "हक़ से हक़ छीन कर सताते है, ये वफ़ा के अजीब नाते है। -------- जब खलाओं में जश्न आते है, इक दिए से भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 404 Share रजनी मलिक 5 Oct 2016 · 1 min read गलती ********"गलती"*********** "मैंने कितना सोचा, इस बारे में, ये सवाल है, जवाब तो तलाशना ही होगा, फिर एक सांचे में ढाल के सोचा, अंदर -बाहर हुआ, कई बार मै, सवाल की... Hindi · कविता 363 Share रजनी मलिक 30 Sep 2016 · 1 min read बारिश बारिश में बरसो बरस अपने , ख्वाबों की धनक, खुद में समेटे, मै चली जा रही थी, कि अचानक से नज़र ठहर गयी, हाथों से सब्र की पोटली फिसल गयी,... Hindi · कविता 654 Share रजनी मलिक 28 Sep 2016 · 1 min read ढूंढ़ते है* *****/ढूंढते है/******* मावस में पूनम की, सहर में शबनम की, निशानी ढूंढते है। दर्पण में श्रंगार की, नजरों में प्यार की, रवानी ढूंढते है। रिश्तों में अधिकार की, बेबसी में... Hindi · कविता 508 Share रजनी मलिक 27 Sep 2016 · 1 min read गजल-2 -------------- बेखुदी में गुनगुनाना चाहिये। वक़्त से लम्हा चुराना चाहिये। -------------------- जो इशारों में सदा जाहिर हुए आज लफ्जों को ठिकाना चाहिये। ''''''''"""""""'''""" क्यूं दी मेहरबानियाँ तुमने मुझे , हक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 489 Share रजनी मलिक 24 Sep 2016 · 1 min read अशहार" "सब को अपने जैसे रखना, होंठों पे मत शिकवें रखना,। ************** लौट सभी आयेंगे अपने, खुले हुए दरवाजे रखना। ************ बस न जाये फ़ज़ा में पतझर, हरी भरी कुछ शाखें... Hindi · शेर 634 Share रजनी मलिक 24 Sep 2016 · 1 min read बेटियां "पुनीत जी आपकी बेटी बहुत प्रतिभावान है ,उसे अच्छे से अच्छे कॉलेज में बार बार कह रही थी। आज मेरी बेटी नेहा बारहवी की परीक्षा में पूरे जिले में पहले... Hindi · लघु कथा 2 1k Share रजनी मलिक 21 Sep 2016 · 1 min read ख़त ************ "हुई दस्तक दरारों से,निकलकर इंतजार आया, खुली है खिड़कियाँ देखो,किसी अपने का तार आया।" --------------------- "लिफाफा बंद जैसी बेपता सी जिन्दगी ये थी, वो कुछ लफ्जों में भर मुस्कान,ले... Hindi · मुक्तक 324 Share रजनी मलिक 4 Sep 2016 · 1 min read गजल "किसी दिन सामने सच बनके आओ। कभी तुम ख्वाबों के चिलमन हटाओ। धड़कती है हवाओं में मुहब्बत, हमारी दास्ताँ उनको सुनाओ। निकल पाते नहीं जो खुद से बाहर, है कुछ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 439 Share रजनी मलिक 22 Aug 2016 · 1 min read बेटियाँ "बेटियां" "बेटा हो या बेटी है दोनों खुशियों की पेटी, "वारिस के नाम पे तुमने कैसे माँ की कोख बाटीं, ये मत भूलो करवाके कन्यादान तुम ही एक दिन, मांग... Hindi · मुक्तक 876 Share रजनी मलिक 18 Aug 2016 · 1 min read राखी **************** "एक डोर, दो बंधे जिससे छोर, रेशा- रेशा जिसका चित्तचोर, रोली-अक्षत की खुशबू इसमें, बंधते है जिससे वचन कठोर। 'बसती इसमें है मासूम जिद, ना होता अधिकारों का शोर।... Hindi · कविता 767 Share रजनी मलिक 17 Aug 2016 · 1 min read आदमी "खुद से है बेखबर होशियार आदमी, होड़ की दौड़ में है हजार आदमी। "संग अपने पराये चले हर डगर, फिर भी तन्हाइयों का शिकार आदमी। महफिलों में कभी तनहा कभी,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 778 Share रजनी मलिक 14 Aug 2016 · 1 min read "वन्दे मातरम" "ये तीन रंग की धरा, केसरिया ,श्वेत,हरा। आँचल में इसके नदियाँ बहती, गंगा,जमुना,सरस्वती। हिन्द ,अरब,प्रशांत का, कदमों में संगीत भरा। ये तीन रंग..... राम,कृष्णा,अल्लाह ,गुरुनानक, है देश भक्ति सब धर्मों... Hindi · गीत 2 470 Share रजनी मलिक 12 Aug 2016 · 1 min read "फासला" "अहसास वो अधूरा जताना जरुर था। हम बस तुम्ही से है बताना जरुर था। ठोकर पे इक बदल गए जज्बात कैसे सब, ताउम्र चाहतों को निभाना जरुर था। तन्हा अकेले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 664 Share