Rajesh Kumar Kaurav Tag: दोहा 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rajesh Kumar Kaurav 24 May 2024 · 1 min read भाग्य भाग्य बना है कर्म से,कहते वेद पुराण। ज्ञानी वक्ता सब कहें,मिलते धरा प्रमाण ।। जिसके जैसे कर्म हो,बैसा बनता भाग्य । संचित अरु प्रारब्ध से , कुयोग या सौभाग्य।। जैसा... Poetry Writing Challenge-3 · दोहा 1 69 Share Rajesh Kumar Kaurav 19 May 2024 · 1 min read वक्त की करवट वक्त बदलता करवटें,अनजाने में रोज। दुनिया के इंसान सब,रहे युगों से खोज ।। जान न पाए आज तक ,कल कैसा हो वक्त। कब होगा खुशियों भरा ,कब आयेगा सक्त।। वक्त... Poetry Writing Challenge-3 · दोहा 88 Share Rajesh Kumar Kaurav 3 May 2024 · 1 min read संवेदी हृदय भाव संवेदना,सबके रहती पास। करें उपेक्षित जो इसे,जिंदा समझो लाश।। कभी कभी संवेदना,मन में होती क्षीण । दुष्टी पापी भाव में, जिनका हृदय प्रवीण ।। महा भारत युद्ध कथा,कौन... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · दोहा 63 Share Rajesh Kumar Kaurav 29 Apr 2024 · 1 min read मन में भूल गया संवेदना, स्वार्थ भरा व्यवहार । तर्क शील मानव हुआ, अपने तक परिवार।। पति पत्नी संतान हित,जिते कुछ इंसान। सिमट गई संवेदना,हृदय बसा अभिमान।। मान प्रतिष्ठा के लिए,करता खोटे... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · दोहा 2 71 Share Rajesh Kumar Kaurav 24 Mar 2024 · 1 min read सत्यवादी सत्य की अब खोज कहाँ,भ्रमित मानव विवेक। भूल स्वयं को देवता,पूजे देव अनेक ।। सत्य की पहचान नहीं,क्यों नर देह महान। पेट प्रजनन संग्रह में,उलझ गया इंसान ।। सत्य नाम... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · दोहा 2 62 Share Rajesh Kumar Kaurav 24 Oct 2023 · 1 min read दशहरा सावधान रहना सभी,रावण पुतला देख। मार दिया श्रीराम ने,लिखा वेद में लेख।। विजय पर्व के रूप में, मना रहे सब लोग। रावण के गुण कर्म तो ,जिंदे कैसा योग ।।... Hindi · दोहा 1 183 Share Rajesh Kumar Kaurav 8 Mar 2023 · 1 min read होलिका जली आग में होलिका ,बचे भक्त प्रहलाद । प्रतिभा दुरोपयोग का,सबक रखें सब याद ।। वरदानी थी होलिका, जला सके नहि आग। दुष्ट कर्म से जल गई , होली खेली... Hindi · दोहा 243 Share Rajesh Kumar Kaurav 5 May 2022 · 1 min read पितृ देवो भव पिता शब्द पर गर्व है ,पालन पोषण हार। एक नहीं समझें कभी, नाम अर्थ परिवार । पिता स्वयं भगवान ही,आप रचा संसार । देखभाल जीवन करे,कंधे लेकर भार। दो स्तंभो... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · दोहा 1 1 222 Share Rajesh Kumar Kaurav 20 Jun 2021 · 1 min read गायत्री जयंती गायत्री जयंती/ गंगा दशहरा पर्व दस दोहे गंगा के दो रूप हैं, एक धरा पर नीर। दूजा बुद्धि विवेक का , गायत्री के तीर ।। एक साथ अवतार है ,कहते... Hindi · दोहा 3 2 284 Share Rajesh Kumar Kaurav 1 Aug 2020 · 1 min read पत्र पिता के नाम(दोहे) पूज्य पिता को लिख रहा, बारहि बार प्रणाम। कृपा दृष्टि हैं आपकी,देख सका प्रभु धाम। आप पधारे स्वर्ग में, सौंप हमें शुभ काम। प्रभु इच्छा पूरण हुआ,जीत गये श्रीराम। पाँच... Hindi · दोहा 7 6 391 Share