Rajendra jain Tag: कविता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rajendra jain 13 Feb 2017 · 1 min read कोई भी मजबूर न आज हमारी रचना देखिए कुछ इस तरह कोई भी मजबूर न चिल चिलाती धूप मे तपकर भी तपता नही कड़ कड़ाती ठंड मे कपकर भी कपत नही जो मिले जितना... Hindi · कविता 649 Share Rajendra jain 3 Feb 2017 · 1 min read निज कर्म कर्तव्य(कर्म)पर हमारी आज की रचना कुछ इस तरह देखिए...... निज-कर्म करो नित काम मिले तब दाम बने सब काम जपो प्रभु नाम तभी सुख चैन यही सत मान बड़े मुख... Hindi · कविता 508 Share