Rajan Kaushik (Yagya) 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rajan Kaushik (Yagya) 14 Oct 2016 · 1 min read अभिलाषा मेरे हृदय के तुम मंदिर में; कोई दीप जलाओ न; बरसों से यहाँ घना अँधेरा; एक किरण बन जाओ न।। इस मंदिर को पावन कर दो; बस इतनी सी आशा... Hindi · मुक्तक 429 Share Rajan Kaushik (Yagya) 11 Sep 2016 · 1 min read रूठे जब प्रेयसी प्रेम में जब कभी रूठ जाए प्रेयसी, प्रेम से उनको आप मना लीजिए, बाँहे बाँहो में डाल रखके गालों पे गाल, थोड़ा ग़ुस्से में प्रेम मिला दीजिए।। तलाशिए फ़िर ज़रा... Hindi · मुक्तक 3 704 Share Rajan Kaushik (Yagya) 9 Sep 2016 · 1 min read मिरी ख़ुश्बू रखना सहेज कर उसे जिसको संवारो तुम, हर किसी को हमसा बिखेरा नहीं जाता।। जो बूझे मुझे कोई तो बस इतना ही बताना, वो रेत का कतरा मिट्टी में मिल... Hindi · शेर 711 Share