रागिनी गर्ग Tag: कविता 21 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid रागिनी गर्ग 17 Nov 2018 · 1 min read माँ व्यापी माँ सम्पूर्ण जगत में (सोलह मात्रिक संस्कारी जाति छन्द) करलो, करलो माँ की पूजा। माँ जैसा है और न दूजा। माँ तो है दीपक की बाती। जलती रहती दिन... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 28 141 2k Share रागिनी गर्ग 16 Oct 2017 · 1 min read क्या आप करते हो भारत से प्यार ? क्या आप करते हो भारत से प्यार? कितनी भी कर लो पूजा कितनी भी कर लो पुकार लक्ष्मी माता जाएगी चली,वार्डर के उस पार। । इस बार दिवाली पर फिर... Hindi · कविता 5 562 Share रागिनी गर्ग 27 Jun 2017 · 1 min read ................भागीरथ की मैं गंगा ............... भागीरथ की मैं गंगा कहूँ किससे अपनी पीर? पाप, मनुज तेरे धो -धो हुआ गंदा मेरा नीर।। होकर मैली अब गंगा नैनन से नीर बहाये हे मानव! तूने मेरे प्राण... Hindi · कविता 3 722 Share रागिनी गर्ग 7 Mar 2017 · 1 min read ••बस एक बार खुद से तू कर ले प्यार•• हौंसलों के पंख लिए उड़ने को बेकरार..... पंख हैं बिंधे हुये परिवार के प्यार की सुई है आर -पार..... बढ़ना चाहती है.. मंजिल को पाने के लिए... पैर रूढ़ीवादिता और... Hindi · कविता 3 726 Share रागिनी गर्ग 1 Mar 2017 · 1 min read मैं इन्सान हूँ मैं इन्सान हूँ... मुझे आजाद रहने दो.. मुझे न धर्म की बेड़ियों में बाँधो ...न मुझ पर रूढ़ीवादिता का कम्बल डालो........साँसे लेकर आया हूँ उधार की.... ज़िन्दगी मिली है दिन... Hindi · कविता 2 327 Share रागिनी गर्ग 28 Feb 2017 · 1 min read ~•दिन तय है•~ बच्चों से प्यार करने का दिन तय है .. फिर रोज सितम ढाओ...... बच्चों के काम न करने का बाल श्रमिक दिन तय है.. फिर नन्हें हाथों से रोज काम... Hindi · कविता 2 453 Share रागिनी गर्ग 7 Feb 2017 · 1 min read ••नक्शे कदम हमारे•• नक्शे कदम हमारे वैसे तो चाँद पर हैं हैरत है इस जमीं पर चलना हमें न आया.. हे मूर्ख मानव अब क्यूँ तू घबराया तब नहीं सोचा जब प्रकॄति पर... Hindi · कविता 2 330 Share रागिनी गर्ग 26 Jan 2017 · 1 min read •••जो शहीद हुये हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी••• फिर आज आई 26 जनवरी तुम को याद दिलाने को .... जो शहीद हुये हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी को.. क्यूँ याद दिलाना पड़ता है | जबकी तुम भारतवासी... Hindi · कविता 2 270 Share रागिनी गर्ग 10 Jan 2017 · 2 min read गुम होतीं बेटियाँ खोता भविष्य अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट आयी बिटिया कोख से चिल्लाई | जन्म दे मुझे भी माँ मैं भी जीना चाहती हूँ || भगवान की बनाई इस सृष्टि को मैं ही तो चलाती... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 3k Share रागिनी गर्ग 7 Jan 2017 · 2 min read ••कृष्ण लीला•• पहली सखी दूसरी सखी से- आज पनघट पे नहीं चलेगी का? दूसरी सखी-न सखी मैं आज नायें जाउँगी। पहली सखी-चौं का है गयो आज तू पानी भरवे चौं न जायेगी?... Hindi · कविता 2 407 Share रागिनी गर्ग 7 Jan 2017 · 1 min read ••जी लो ज़िंदगी•• ज़िंदगी का क्या भरोसा, कब मौत के आगोश में चली जाये। उससे पहले क्यों न, ज़िंदगी जी ली जाये। जियो ज़िंदगी खुल के जियो , खुशियों और गमों को किसी... Hindi · कविता 2 285 Share रागिनी गर्ग 6 Jan 2017 · 1 min read इनको भी हक दो (बाल श्रमिक) जिन काँधों पर बस्ता सजाना था उन पर सजती जिम्मेदारी है छोटी छोटी उम्र में हर खुशी इन्होंने वारी है नाजुक से हाथों में फावड़ा कुदाल और आरी है पढ़ने,... Hindi · कविता 2 257 Share रागिनी गर्ग 6 Jan 2017 · 1 min read यह जीवन रंगमंच है मौत ने ज़िन्दगी से कुछ यूँ कहा ऐ ज़िंदगी एक बात बता तू सूरज का उजाला है खिलता हुआ प्रसून है मैं काली अंधियारी रात मेरे आगे बस शून्य है... Hindi · कविता 3 1 317 Share रागिनी गर्ग 5 Jan 2017 · 1 min read बदले हुए रिश्तों की कुछ ऐसी कहानी है बदले हुए रिश्तों की कुछ ऐसी कहानी है , एक आँख तो सूखी है, दूजी आँख में पानी है| यूँ बदला नजरिया है अपना बेगाना है, यही हाल रहा सबका,... Hindi · कविता 2 609 Share रागिनी गर्ग 5 Jan 2017 · 1 min read ?? गुरु ग्यान का भंडार है प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने वाला होता है गुरु, तब से साथ देता है, जब से होती है ज़िंदगी शुरू | मोमबत्ती की तरह जलकर, प्रकाशित करता है पथ... Hindi · कविता 2 360 Share रागिनी गर्ग 4 Jan 2017 · 1 min read मोदी जी ने किया वार भ्रष्टाचार हो गया लाचार। ज्योंही तुमने जन्म लिया, मैं आया साथ तेरे, तुमने ही मुझको जन्म दिया, मानव तुम हो नाथ मेरे। मैं फैल रहा हूँ भारत में, महामारी, कैंसर से भी ज्यादा, सबकुछ... Hindi · कविता 2 239 Share रागिनी गर्ग 4 Jan 2017 · 1 min read आँखों का तारा (ए.पी.जे. अबदुल कलाम) ना वो सिक्ख था ना ईसाई था ना हिन्दू था ना मुसलमान था ना वो बच्चा था, ना वो जवान था वो तो बस एक सच्चा इनसान था भारत को... Hindi · कविता 2 494 Share रागिनी गर्ग 3 Jan 2017 · 1 min read बस दुलहन को अपनाना होगा कुछ ही दिनों पहले उठी थी उसकी डोली दहेज के लोभियों ने आज जला दी उसकी होली। उसको भी हक था साँसें लेने का अपनी जिंदगी को जी लेने का... Hindi · कविता 3 742 Share रागिनी गर्ग 3 Jan 2017 · 1 min read आखिर कब तक सैनिक होते रहें शहीद ये नेताओं की नीति है सियासत की कुर्सी से इनकी सच्ची प्रीती है मासूमों का खून देखकर भी यह नहीं जग पाते हैं नरसंहार जब भी... Hindi · कविता 2 247 Share रागिनी गर्ग 2 Jan 2017 · 1 min read नोट पर चोट जूझ रहा है देश हमारा आज पैसों की तंगी से नहीं किसी को है राहत आपकी नोटबंदी से जो बेईमान हैं बैंकों में पीछे से जाकर पाप को धो रहे... Hindi · कविता 1 769 Share रागिनी गर्ग 2 Jan 2017 · 1 min read सैनिक का फर्ज शहीद होना और आपका? वो तो कुर्बान होकर अपना नाम शहीदों में लिखा गया। फर्ज वो भारत माता के प्रति अपना चुका गया। बुझ गया इस घर का चिराग और परिवार में अंधेरा गहरा... Hindi · कविता 1 338 Share