Kapil khandelwal Tag: मुक्तक 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Kapil khandelwal 1 Jan 2017 · 1 min read ***** ०००० मुक्तक ०००० ***** 1. हिंदी से ही शान, हिंदी से ही मान, हिंदी से हमारी, दुनिया में पहचान| 2. बचपन खेल खेल में बीता, जवानी मौज से जीता, बुढ़ापा देख वो हर पल',... Hindi · मुक्तक 348 Share