Rishabh Tomar 52 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Rishabh Tomar 17 Mar 2017 · 1 min read समझता हूँ तेरे लव से निकलती हर जुबां को में समझता हूँ तेरे खामोस होने की वजह भी में समझता हूँ क्यों यारा तुम नहीं समझी मेरे दिल की तमन्ना को तुम्हे... Hindi · कविता 1 454 Share Rishabh Tomar 17 Mar 2017 · 1 min read दिल का परिंदा मेरे दिल का आज़ाद परिंदा,मोहबत की गली में भटक गया हैं किसी की मोहबत के हसीन ख्याबो में, कही पर अटक गया हैं वो तो छोड़ इस दुनिया को,किसी दूसरी... Hindi · मुक्तक 1 547 Share Previous Page 2