Punam Sinha Tag: कविता 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Punam Sinha 9 May 2017 · 1 min read "तुम्हारा परिचय " तुम भीड़ भरी गलियों से गुजर जाते हो सिसकती जिंदगियों से रूबरू होते हो दर्द की करूण पुकार सुन परेशान होते हो गंदी नजर आती नंगी असलियत तुमको दयालु बहुत... Hindi · कविता 306 Share Punam Sinha 18 Apr 2017 · 1 min read अब क्या होगा सीपियों में नाग छूपे मुक्ता को पहचाने कौन चकाचौंध की दुनिया में अपनों को सब भूल रहे अब क्या होगा नीला थोथा आसमान का बादलों में घुलमिल जाए अमृत की... Hindi · कविता 1 296 Share Punam Sinha 18 Apr 2017 · 1 min read आदमी आदमी सोचता है कुछ लिखे....... जिंदगी के अ०यावहारिक होते जा रहे समस्त शब्द से सार्थक वाक्य बना दे मुक्त हो जाए उन आरोप से जिसे स्वयं पर आरोपित कर थक... Hindi · कविता 302 Share