Priyanshu Kushwaha Language: Hindi 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Priyanshu Kushwaha 1 May 2017 · 1 min read इंसानों की बस्ती इंसानों की बस्ती में अब हैवानों का पहरा है,, नफरत का रंग अबकी यहाँ बहुत गहरा है,, ईर्ष्या की नदियाँ तो जोरो-शोरों से बहती हैं,, प्रीत का पानी जरुर, कहीं-न-कहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 576 Share Priyanshu Kushwaha 31 Aug 2016 · 1 min read " उसको ही मंजिल मिलती है " कविता- " उसको ही मंजिल मिलती है " --- हार मान कर बैठ गए जो , कभी नहीं वो बढ़ते है । उसको ही मंजिल मिलती है , जो कठिन... Hindi · कविता 376 Share Priyanshu Kushwaha 18 Aug 2016 · 1 min read नमन है तुझको हिन्दुस्तान कविता- " नमन है तुझको हिन्दुस्तान " ---- नव प्रभात की स्वर्णिम किरणें , करती नित्य श्रंगार । ऊंचे-ऊंचे पर्वत सुंदर, बने मेखलाकार । झर-झर करते निर्मल झरने , देते... Hindi · कविता 2 784 Share