संतोष बरमैया #जय 61 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 संतोष बरमैया #जय 7 Apr 2017 · 1 min read तू और तेरी इबादत तू और तेरी इबादत, सहारा है मेरा । भवसागर के पार तू, किनारा है मेरा।। हर हाल में हो जीत, ये नारा है मेरा । एक ताल बहर गीत, ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 402 Share संतोष बरमैया #जय 7 Apr 2017 · 1 min read "" मैं और मेरी पायल"" मैं, और मेरी पायल, अक्सर, एक बात कहा करते है, कि, शायद, तुम न मिलते, तो ,मैं कभी, पायल का दिया, अहसास, तुम संग बिताया, मधुमास, इन सबसे रह जाती,... Hindi · कविता 1 1 2k Share संतोष बरमैया #जय 31 Mar 2017 · 1 min read मेरी सिंगवाहिनी दर्शन दे दो मुझको आज, माई जगदम्बा भवानी । कर दो पूरण मेरे काज , माई जगदम्बा भवानी ।। तेरे दर्शन को आए माता , दर्शन तो हम करेंगे ।... Hindi · गीत 223 Share संतोष बरमैया #जय 29 Mar 2017 · 1 min read "माँ कृपालिनी" माँगता आशीष माँ , मानव उद्धार के लिए। कृपा करो कृपालिनी , सुंदर संसार के लिए।। प्रफुल्लित हो हर मन, उपकार ऐसा कीजिए । मानव, नव रूप भर, माँ नव... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 232 Share संतोष बरमैया #जय 28 Mar 2017 · 1 min read सात दोहे **************************************** जीवन पथ पर जो मिले , "जय" जीवन हो जाय। साथ-साथ, पग-पग चले , जीवनसाथी कहाय ।। 1।। एक कृति, कई रूप "जय", जीवनसाथी निभाय। संस्कार, जीवन-मरण सब ,... Hindi · दोहा 558 Share संतोष बरमैया #जय 27 Mar 2017 · 1 min read गर्मी जब गर्मी का मौसम आता है । मुझे गाँव मेरा याद आता है ।। गर्मी का मौसम, खुली आजादी । खाने पीने की , चिंता हो आधी । खुले पेड़... Hindi · कविता 293 Share संतोष बरमैया #जय 27 Mar 2017 · 1 min read "यारों से बचना" कभी फूलों से ,कभी खारों से बचना । कभी दुश्मन से, कभी यारों से बचना ।। ख़ुशी में बस, घर में जिनका आना जाना। ऐसे अक्लमंद मीत, रिश्तेदारों से बचना।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 406 Share संतोष बरमैया #जय 14 Mar 2017 · 1 min read "हर एक दीवाना सा लगता है" अब तो हर अपना,बेगाना सा लगता है। तेरा शहर भी गमों का,ठिकाना सा लगता है।। तू थी शहर में तो, एक जमाना सा था। तू गई छोड़कर तो,एक जमाना सा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 428 Share संतोष बरमैया #जय 9 Mar 2017 · 1 min read "आशिक तेरा मैख़ाने में" कल ही मिला था,आशिक तेरा मैख़ाने में। छलका रहा था गम,भर-भर के पैमाने में।। था दीवाना अपनी,आशिकी के नशे में चूर। हर ख़ुशी से बेगाना,अपने ही शहर से दूर।। था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 472 Share संतोष बरमैया #जय 8 Mar 2017 · 1 min read महिला शिक्षा की करामात अभी नींद भी न खुली थी!और जोर की आवाज आई! ऐ मिस्टर! हैलो, गुड मॉर्निंग! आपके लिए है ये वॉर्निंग! मुझे जल्दी है ऑफिस जाना। खाना रोज की तरह चटपटा... Hindi · कविता 717 Share संतोष बरमैया #जय 7 Mar 2017 · 1 min read "तुम, मुझे याद करके देखना" बिछड़ी हुई गलियों से, आज फिर गुजर के देखना। तन्हा ना कहोगे खुदको,आज फिर संवर के देखना।। हर कदम निशा मिलेंगे मेरे,नज़र साद करके देखना। पास पाओगे मुझे, ख़ुदा से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 705 Share Previous Page 2