Prerana Parmar 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Prerana Parmar 16 Feb 2017 · 1 min read स्त्री हो तुम.......हद मे रहो अपनी..... स्त्री हो तुम....हद मे रहो अपनी हमेश यही तो हमने पुरुष को कहते सुना है ॥ सारा जीवन पुरुष ने जिया अपनी स्वेच्छा से। और हम पीछे पीछे चलते रहे... Hindi · कविता 2 615 Share Prerana Parmar 21 Feb 2017 · 1 min read सादर आभार दिल से निभा ले जो अपने रिश्ते उसको सादर आभार है।। इंसानी जंगल में आज लगने लगा हर रिश्ता भार है।। अपने रिश्ते निभाने में हो रहे लोग नाकाम। खून... Hindi · कविता 2 3 5k Share