Prabhat Language: Hindi 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Prabhat 31 Jan 2017 · 1 min read चलो कुछ ख्वाब बुनतें हैं बहुत सुन ली जमाने की। करो अब जिद कुछ पाने की। बहुत जिए बिना मकसद। चलो अब दिल की सुनतें हैं, चलो कुछ ख्वाब बुनतें हैं।। हसरतें थी जो जीनें... Hindi · कविता 1 1 334 Share