2004
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यूं तो रिश्तों का अंबार लगा हुआ है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
जाने जिंदगी में ऐसा क्यों होता है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
दिवाली है दीपों का पर्व ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
एक तरफ धन की बर्बादी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
दिवाली का अभिप्राय है परस्पर मिलना, जुलना और मिष्ठान खाना ,प
ओनिका सेतिया 'अनु '
कोई मिठाई तुम्हारे लिए नहीं बनी ..( हास्य व्यंग कविता )
ओनिका सेतिया 'अनु '
पैसा ,शिक्षा और नौकरी जो देना है दो ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बेटी दिवस मनाने का लाभ तभी है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
यह कैसी आस्था ,यह कैसी भक्ति ?
ओनिका सेतिया 'अनु '
जितनी लंबी जबान है नेताओं की ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कर तो रहे हैं वो ,और दे रहे हैं ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कभी अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
देश की संस्कृति और सभ्यता की ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
हिंदी है भारत देश की जुबान ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
शिकस्त मिली ओलंपिक में उसका कोई गम नहीं ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कौन है सच्चा और कौन है झूठा,
ओनिका सेतिया 'अनु '
यूज़ एंड थ्रो कंटेनर्स
ओनिका सेतिया 'अनु '
हमने तुम्हें क्या समझा था,
ओनिका सेतिया 'अनु '
नाहक ही ख्वाब में जी कर क्या करेंगे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कहीं बरसे मूसलाधार ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
इस बरखा रानी के मिजाज के क्या कहने ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बहशीपन की हद पार कर गया आदमी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
हवस अपनी इंतहा पार कर गई ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बेबसी जब थक जाती है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
जितने लगाए तुमने हम पर इल्जामात ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
जो दिख रहा है सामने ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
अपना साया ही गर दुश्मन बना जब यहां,
ओनिका सेतिया 'अनु '
प्रतियोगिता के जमाने में ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
पाक दामन कौन है यहां ?
ओनिका सेतिया 'अनु '
काश! हमारा भी कोई अदद मीत होता ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
जी तो हमारा भी चाहता है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
आप खुद को हमारा अपना कहते हैं,
ओनिका सेतिया 'अनु '
जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता,
ओनिका सेतिया 'अनु '
अंग्रेज तो चले गए ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
एक कलाकार/ साहित्यकार को ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
देखो ! यह बेशुमार कामयाबी पाकर,
ओनिका सेतिया 'अनु '
या खुदाया !! क्या मेरी आर्ज़ुएं ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
भटकती रही संतान सामाजिक मूल्यों से,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
चौमासे में मरें या वर्षा का इंतजार करें ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
ज्यों स्वाति बूंद को तरसता है प्यासा पपिहा ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कृतघ्न अयोध्यावासी !
ओनिका सेतिया 'अनु '
खिला तो है कमल ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कमल खिल चुका है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कुछ बच्चों के परीक्षा परिणाम आने वाले है
ओनिका सेतिया 'अनु '
सूरज चाचा ! क्यों हो रहे हो इतना गर्म ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
छोटे दिल वाली दुनिया
ओनिका सेतिया 'अनु '
आजकल लोग बहुत निष्ठुर हो गए हैं,
ओनिका सेतिया 'अनु '
गैरों से जायदा इंसान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
आह और वाह
ओनिका सेतिया 'अनु '