ओनिका सेतिया 'अनु ' 1973 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ओनिका सेतिया 'अनु ' 24 Jul 2024 · 1 min read आप खुद को हमारा अपना कहते हैं, आप खुद को हमारा अपना कहते हैं, मगर अपनेपन का कोई सबूत दिया नहीं। कई दफा गुजरे हम जज्बातों के तूफानों से, मगर कभी तो आपने हमारा हाथ थामा नहीं। Quote Writer 1 20 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 24 Jul 2024 · 1 min read जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता, जो तुम्हारी खामोशी को नहीं समझ सकता, वो क्या खाक तुम्हारे लफ्जों को समझेगा! यह ज़माना तो है बड़ा संगदिल ए अनु , यह तुम्हारी बातों के कुछ ओर ही... Quote Writer 1 18 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 23 Jul 2024 · 1 min read अंग्रेज तो चले गए , अंग्रेज तो चले गए , मगर मन से तो गई न गुलामी । अंग्रेजी भाषा ,सभ्यता और संस्कृति को , अब भी देते है कुछ लोग सलामी । Quote Writer 20 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 23 Jul 2024 · 1 min read एक कलाकार/ साहित्यकार को , एक कलाकार/ साहित्यकार को , उसके अपने ही प्रोत्साहन नहीं देते । गैरों से फिर वो क्या उम्मीद करे , जब उसके अपने ही उसका साथ नहीं देते। Quote Writer 22 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 7 Jul 2024 · 1 min read देखो ! यह बेशुमार कामयाबी पाकर, देखो ! यह बेशुमार कामयाबी पाकर, कहीं तुम बहक मत जाना, मिलेगा अवाम का प्यार भी बेइंतहा, मगर तुम फिर भी मत इतराना , जीत और हार को खुदा की... Quote Writer 25 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 3 Jul 2024 · 1 min read या खुदाया !! क्या मेरी आर्ज़ुएं , या खुदाया !! क्या मेरी आर्ज़ुएं , और क्या ही मेरे दम तोड़ते अरमान । और मेरी ख्वाहिशें भी क्या ? सब के सब हो गए हैं , मेरी कमनसीबी... Quote Writer 1 27 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 29 Jun 2024 · 1 min read भटकती रही संतान सामाजिक मूल्यों से, भटकती रही संतान सामाजिक मूल्यों से, तब तो अंजान रहे,नहीं दिखाया कोई रोष। अब है नजरें लज्जा से झुकी हुई आपकी , समाज तो आप पर ही मढेगा ना दोष... Quote Writer 33 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 29 Jun 2024 · 1 min read बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान , बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान , और नारी सुलभ लाज शर्म ,संस्कार, सबकुछ भुला बैठा यह निकृष्ट फिल्मी संसार। भारत के ही हैं यह,या किसी दूसरी दुनिया से, जो... Quote Writer 35 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 21 Jun 2024 · 1 min read चौमासे में मरें या वर्षा का इंतजार करें , चौमासे में मरें या वर्षा का इंतजार करें , मरा हमसे और जाता नहीं, और वर्षा का इंतजार भी होता नहीं । सह सकें जुल्म कुदरत का , और अब... Quote Writer 30 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 21 Jun 2024 · 1 min read ज्यों स्वाति बूंद को तरसता है प्यासा पपिहा , ज्यों स्वाति बूंद को तरसता है प्यासा पपिहा , यूं ही वर्षा की एक बूंद को मेरा मन तरस रहा । पपीहे की प्यास और मेरे मन की आस ,... Quote Writer 25 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Jun 2024 · 1 min read कृतघ्न अयोध्यावासी ! लानत है तुम्हें मूर्ख और कृतघ्न अयोध्यावासियो ! कई युगों से जुल्म सहे, न अपना धर्म बचा पाए । डर और लालच से वशीभूत होकर पहले मुगलों , फिर दुष्ट... Hindi · कविता 2 62 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Jun 2024 · 1 min read खिला तो है कमल , खिला तो है कमल , मगर पूरी तरह से नहीं खिला। इसीलिए शायद खुशी के साथ , निराशा का रंग है मिला ।😓 Quote Writer 1 42 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Jun 2024 · 1 min read कमल खिल चुका है , कमल खिल चुका है , देखो! कितनी शान से मुस्का रहा है । कीचड़ में भी खिले रहने की , अदा सारी दुनिया को सीखा रहा है । Hindi · Quote Writer 2 46 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 1 Jun 2024 · 1 min read कुछ बच्चों के परीक्षा परिणाम आने वाले है कुछ बच्चों के परीक्षा परिणाम आने वाले है ज़ाहिर है वो दिल ही दिल में घबराए हुए है, कहीं फेल न हो जाए ,कहीं सत्ता छीन जाने का भय है... Quote Writer 1 47 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 30 May 2024 · 1 min read सूरज चाचा ! क्यों हो रहे हो इतना गर्म । सूरज चाचा ! क्यों हो रहे हो इतना गर्म । कुछ तो अपना व्यवहार रख लो नर्म । हम धरतीवासी! हैं तो आखिर तुम्हारी संतान , क्यों हमारी आहें छू... Quote Writer 5 68 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 May 2024 · 1 min read छोटे दिल वाली दुनिया दुनिया है बहुत बड़ी , मगर सबके दिल है छोटे । बाहर से दिखते तो है भलेमानस , मगर भीतर से दिल के खोटे। दिखावा तो करते अपने पन का... Hindi · कविता 2 58 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 9 May 2024 · 1 min read आजकल लोग बहुत निष्ठुर हो गए हैं, आजकल लोग बहुत निष्ठुर हो गए हैं, किसी की भावनाओं से कोई सरोकार नहीं। नहीं गर तो कोई बात नहीं , हम भी समझते इनको इंसान नहीं । क्योंकि इंसान... Quote Writer 1 101 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 9 May 2024 · 1 min read गैरों से जायदा इंसान , गैरों से जायदा इंसान , अपनो से आहत होता है । क्योंकि इन "अपनों" को ही , हमारी कमजोरियों का पता होता है । Quote Writer 73 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 7 May 2024 · 1 min read आह और वाह आह और वाह क्या है , बस तकदीर का तमाशा है । किसी के दामन में सौगात , तो किसी के अश्क बेतहाशा है । हीरा हैं या पत्थर ,मालूम... Hindi · कविता 1 58 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 7 May 2024 · 1 min read ना तो कला को सम्मान , ना तो कला को सम्मान , ना व्यक्ति के प्रति आदर । अपने स्वजन ही समझते , कवियों को घर की मुर्गी दाल बराबर । Quote Writer 1 94 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 6 May 2024 · 1 min read प्रशंसा नहीं करते ना देते टिप्पणी जो , प्रशंसा नहीं करते ना देते टिप्पणी जो , किसी कलाकार की रचना पर । ऐसे निष्ठुर व्यक्तियो को क्या कहें , आश्चर्य और दुख होता है इनकी संकीर्ण मानसिकता पर... Quote Writer 1 3 78 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 May 2024 · 1 min read हम अपनों से न करें उम्मीद , हम अपनों से न करें उम्मीद , तो गैरों से करें क्या ? अगर करते हैं गैरों से उम्मीद , तो फिर अपनों का फायदा ही क्या ! Quote Writer 1 2 94 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 4 May 2024 · 1 min read अपनी मसरूफियत का करके बहाना , अपनी मसरूफियत का करके बहाना , अपने फर्ज से जी चुराते हैं। ऐसे अपनों का क्या फायदा , जो दुश्मनों जैसी चोट हमें पहुंचाते हैं । Quote Writer 64 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 May 2024 · 1 min read बढ़ना चाहते है हम भी आगे , बढ़ना चाहते है हम भी आगे , मगर कोई चीज कदमों को रोकती है। एक हमारी कमनसीबी,दूजे ज़माना , तीसरा अपनों से मिली तौहीन हमें रोकती है । Quote Writer 1 106 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 28 Apr 2024 · 1 min read सभी नेतागण आज कल , सभी नेतागण आज कल , मनमोहनी कुर्सी पर है नजर गढ़ाए। किसकी बनेगी यह महबूबा, यह कोई समझ न पाए। Quote Writer 1 77 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Apr 2024 · 1 min read अपनी मंजिल की तलाश में , अपनी मंजिल की तलाश में , हम कहां से कहां आ गए। वो तो फिर भी न मिली , मगर हम अपना सुख चैन लुटा आए । Quote Writer 1 96 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 18 Apr 2024 · 1 min read क्या वायदे क्या इरादे , क्या वायदे क्या इरादे , बस चंद दिनों का खुमार है । इन अवसरवादी नेताओं का , होता ऐसा ही दोगला व्यवहार है । Quote Writer 1 65 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 12 Apr 2024 · 1 min read सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से , सियासत कमतर नहीं शतरंज के खेल से , शय और मात तो दोनों में होती है । फर्क है तो बस इतना की एक में नेक नियति , और दूसरे... Quote Writer 1 63 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Apr 2024 · 1 min read यह कैसा आया ज़माना !!( हास्य व्यंग्य गीत गजल) तौबा ! यह कैसा आया है ज़माना, बहुत मुश्किल है दिल को समझाना। इंसानी रिश्तों से बढ़कर हो गया है , उनकी खुदगर्जी का बढ़ता पैमाना । जानवर तो बहुत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 110 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Apr 2024 · 1 min read हम हिंदुओ का ही हदय हम हिंदुओ का ही हदय क्यों है इतना विशाल , के मनाते हैं अन्य धर्मों के त्यौहार। काश ! वो भी दिखा दें थोड़ी सी दरियादिली, धर्म निरपेक्षता के बीड़े... Quote Writer 126 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Apr 2024 · 1 min read सियासत नहीं रही अब शरीफों का काम । सियासत नहीं रही अब शरीफों का काम । यह तो पाक दामन को भी कर दे बदनाम । बेशर्म और कमजर्फ लोगों का है यह जहां , ऐसी दुनिया को... Quote Writer 1 169 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Apr 2024 · 1 min read निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है । निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है । ऐसा तो केवल पशु जीवन सा ही होता है । संसार में आए हैं तो एक लक्ष्य होना चाहिए, किसी लक्ष्य के... Quote Writer 1 165 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 1 Apr 2024 · 1 min read इस शहर से अब हम हो गए बेजार । इस शहर से अब हम हो गए बेजार । बैचेनी और तड़प जैसे लगाए आजार। टूटा हुआ दिल है अश्कों से भीगा दामन , क्या कहें ! नामुराद को भेजते... Quote Writer 134 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 21 Mar 2024 · 1 min read सत्यं शिवम सुंदरम!! सत्य को जानना चाहते हो , सत्य को पहचानना चाहते हो , तो सत्य को स्वीकार करना होगा । सत्य कठोर होता है , सत्य निष्ठुर होता है , परंतु... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 201 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 16 Mar 2024 · 1 min read बदनसीब लाइका ( अंतरिक्ष पर भेजी जाने वाला पशु ) मासूम सी लाइका, अनजान थी । सड़क पर घूमना ,जीना मरना, सड़क छाप उसकी पहचान थी । ले गया उसे एक व्यक्ति , अचानक सड़क से उठाकर , इस तरह... Hindi · कविता 137 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Feb 2024 · 1 min read मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर , मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर , जिसका जख्म अब नासूर बन गया। अश्क ही अश्क रह गए अब जिंदगी में, खुशियों और सुकून का दौर काफूर हो... Quote Writer 190 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Feb 2024 · 1 min read क्यों गए थे ऐसे आतिशखाने में , क्यों गए थे ऐसे आतिशखाने में , के अपना दामन जला आए । तौबा ! कैसा सितम हम खुद , अपनी ही जिंदगी से कर आए। Quote Writer 241 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 22 Feb 2024 · 1 min read बचपन से जिनकी आवाज सुनकर बड़े हुए बचपन से जिनकी आवाज सुनकर बड़े हुए दिल को भाती थी वो आवाज़ रूहानी । यकीन ही नहीं होता ,मगर यह सच है , हमसे सदा के लिए अलविदा कह... Quote Writer 259 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 21 Feb 2024 · 1 min read स्मार्ट फोन.: एक कातिल हां जी ! यह तो होगा ही स्मार्ट , जब इसने छीन ही लिए सबके काज । बेकार हो गई वो सभी चीजें , आड़े बन करवरग गई जो आज... Hindi · कविता 1 184 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Feb 2024 · 1 min read बिखर गई INDIA की टीम बारी बारी , बिखर गई INDIA की टीम बारी बारी , बिछड़ ही गए आखिर सभी बारी बारी, कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा जोड़कर बना , था भानुमती का कुनबा , मोदी... Quote Writer 223 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Feb 2024 · 1 min read समय बदल रहा है.. बरसों किया हम पर तुम्हारे , पूर्वजों ने हम पर शासन । तोड़े हमारे अराध्य मंदिर , महिलाओं का किया मान मर्दन । मगर अब समय बदल गया है ,... Hindi · कविता 216 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 4 Jan 2024 · 1 min read तू है तसुव्वर में तो ए खुदा ! तू है तसुव्वर में तो ए खुदा ! हर शय हसीन लगती है। तेरे पहलू में आते हैं हम जब , फानी सी जिंदगी रंगीन लगती है । दुआ करते... Quote Writer 2 278 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 24 Dec 2023 · 1 min read धर्म निरपेक्षता हमारे दिल में यह ख्याल आता है जो भीतर तक कचोट सा जाता है । रोजगार ,शिक्षा दीक्षा का हक, देश में रहने का सभी को जाता है । अपनी... Hindi · कविता 2 319 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 23 Dec 2023 · 1 min read फिर वही शाम ए गम, फिर वही शाम ए गम, फिर वही तन्हाई । घेर लेती है तेरी यादें , उफ्फ! यह बेरहम जुदाई । Quote Writer 148 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 23 Dec 2023 · 1 min read कभी फौजी भाइयों पर दुश्मनों के कभी फौजी भाइयों पर दुश्मनों के आकस्मिक आक्रमण पर दुखी होना, तो कभी नारी जाति की दुर्गति पर , उनपर हो रहे अत्याचारों पर शर्मसार होना. बेचारे भारत देश की... Quote Writer 273 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 12 Dec 2023 · 1 min read धारा ३७० हटाकर कश्मीर से , धारा ३७० हटाकर कश्मीर से , किया सरकार ने बेशक नेक कार्य । मगर हमारे हिंदू कश्मीरी पंडितों को , भी उनका स्वराज्य लौटना है अनिवार्य । Quote Writer 188 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Dec 2023 · 1 min read धृतराष्ट्र की आत्मा धृतराष्ट्र को मरे यूं तो कई युग बीत गए बस ! कहने भर को । उसकी आत्मा अब भी विचरती है , नजर चाहिए उसे देखने को । कई दुशासन... Hindi · कविता 2 267 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Dec 2023 · 1 min read खामोश रहना ही जिंदगी के खामोश रहना ही जिंदगी के है मसले का हल है । वरना जुबान खोली नहीं की , हंगामें हो जाते हैं। Quote Writer 338 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Dec 2023 · 1 min read वर्तमान सरकारों ने पुरातन , वर्तमान सरकारों ने पुरातन , वर्ण व्यवस्था की धज्जियां उड़ा दी । या यूं कहो आदर्श भारतीय समाज की जड़ें हिला दीं। Quote Writer 1 255 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Nov 2023 · 1 min read सपना कृतज्ञता और प्रशंसा के शब्द तो , बस मात्र सपना बन के रह गए । कितने भी भले मानस बन जाओ , परिणाम ढाक के तीन पात ही पाए गए। Hindi · कोटेशन 1 171 Share Page 1 Next