nishant madhav 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid nishant madhav 6 Jan 2017 · 1 min read वक्त के साँचे मे..... वक्त के साँचे में जो भी ढल जाएगा, सबसे आगे वही बस निकल जाएगा. जिन्दगी भी सियासत से कम तो नहीं, इक गलत चाल से सब विफल जाएगा. Hindi · मुक्तक 2 1 215 Share nishant madhav 6 Jan 2017 · 1 min read क्या बताऊँ............. गज़ल रदीफ़ :- गजल क्या बताऊँ तुझे मैं की क्या है गजल, बेवफा है कि तुझ सी वफा है गजल. तेरी जुल्फों में है जैसे उलझी हुई, या धड़कते दिलो की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 429 Share nishant madhav 3 Jan 2017 · 1 min read मेरे साँवरे तुम मैं टूटा हुआ हूँ, मैं बिखरा हुआ हूँ, मुझे अब संभालो, मेरे साँवरे तुम. भंवर मे मैं देखो, धसा जा रहा हूँ, यहाँ से निकालो, मेरे साँवरे तुम. मैं दीपक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 251 Share nishant madhav 5 Jan 2017 · 1 min read सुनो रे साँवरे मेरे... सुनो रे साँवरे मेरे, मुझे ऐसा बना देना, की मीरा भी दिखे मुझमे, कि राधा सा सजा देना. तुम्हारे मन को यूँ भाऊ,की ज्यों तुलसी तुम्हें भाए, बनालो तुम मुझे... Hindi · मुक्तक 193 Share nishant madhav 5 Jan 2017 · 1 min read संवेदना कही टूटी हुई छत है, कही खाली पडे बरतन, मगर बच्चों की खातिर वो, मिठाई साथ लाया है. जमाने वाले ओ उसका, पकड कर हाथ कहते हैं, मुबारक हो मुबारक... Hindi · मुक्तक 295 Share nishant madhav 5 Jan 2017 · 1 min read पिया जी साँवरे तुम सुनो मोरी, पिया जी साँवरे, दिल तुम्हें हमने, दिया जी साँवरे. जब से आया हूँ, मैं वृंदावन सुनो, खो गया मेरा, जिया जी साँवरे. जब बिहारी जी, तुम्हें देखा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 555 Share nishant madhav 6 Jan 2017 · 1 min read सर किसी का और..... सर किसी का और है पगड़ी किसी की, आम आदत हो गई यह आदमी की. कौन है, इसको गज़ल मे जो कहेगा, क्यूँ सियासत को जमीं दी जिंदगी की. दर्द... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 273 Share nishant madhav 6 Jan 2017 · 1 min read कही सचका फसाना..... कही सचका फसाना चल रहा है, कहीं झूठा जमाना चल रहा है, मै शायर हूँ मेरा इक शायिरा से, कहीं टाँका भिडा़ना चल रहा, वो अफसर की जो जेबों मे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 433 Share