nishant madhav Tag: मुक्तक 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid nishant madhav 6 Jan 2017 · 1 min read वक्त के साँचे मे..... वक्त के साँचे में जो भी ढल जाएगा, सबसे आगे वही बस निकल जाएगा. जिन्दगी भी सियासत से कम तो नहीं, इक गलत चाल से सब विफल जाएगा. Hindi · मुक्तक 2 1 248 Share nishant madhav 5 Jan 2017 · 1 min read संवेदना कही टूटी हुई छत है, कही खाली पडे बरतन, मगर बच्चों की खातिर वो, मिठाई साथ लाया है. जमाने वाले ओ उसका, पकड कर हाथ कहते हैं, मुबारक हो मुबारक... Hindi · मुक्तक 321 Share nishant madhav 5 Jan 2017 · 1 min read सुनो रे साँवरे मेरे... सुनो रे साँवरे मेरे, मुझे ऐसा बना देना, की मीरा भी दिखे मुझमे, कि राधा सा सजा देना. तुम्हारे मन को यूँ भाऊ,की ज्यों तुलसी तुम्हें भाए, बनालो तुम मुझे... Hindi · मुक्तक 218 Share