Mohsin Aftab Kelapuri Language: Hindi 21 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mohsin Aftab Kelapuri 6 Aug 2019 · 1 min read नज़्म / कविता #ज़िंदा_लाश अब तलक गर्म पड़ी है मेरी नींदों की राख इतनी जल्दी मेरी आँखों को कोई ख़्वाब न दे तुझ को मलूम नहीँ है तो बताता हूँ मैं मेरे कमरे... Hindi · कविता 1 1 390 Share Mohsin Aftab Kelapuri 6 Aug 2019 · 1 min read नज़्म / कविता *अज़ीम है तेरा ख़ुदा* अज़ीम है तेरा ख़ुदा , रहीम है तेरा ख़ुदा। तू उसकी बात मान ले , वो तेरी बात मानेगा। तू अपने सर को ख़म तो कर... Hindi · कविता 1 407 Share Mohsin Aftab Kelapuri 6 Aug 2019 · 2 min read नज़्म / कविता अगर मैं मर गया तो...... जो इनके वास्ते देखें हैं उन ख़्वाबों का क्या होगा? *अगर मैं मर गया तो फिर मेरे बच्चों का क्या होगा?* अभी ज़िंदा हूँ सो... Hindi · कविता 525 Share Mohsin Aftab Kelapuri 6 Aug 2019 · 1 min read नज़्म / कविता अंधभक्तों को समर्पित अजीब है तेरा हुनर कमाल कर रहा है तू। सवाल के जवाब में सवाल कर रहा है तू। अभी तो जीत हार का भी फ़ैसला नहीं हुआ।... Hindi · कविता 1 462 Share Mohsin Aftab Kelapuri 2 Aug 2018 · 1 min read ग़ज़ल खुली हवा में , खुला सर , तुम्हें भी ख़तरा है। ज़रा सा दिल में रखो डर , तुम्हें भी ख़तरा है। हैं चार सिम्त लुटेरे ज़रा संभल के रहो।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 274 Share Mohsin Aftab Kelapuri 20 Feb 2018 · 1 min read ग़ज़ल मैं ने ये जब सुना तो मेरा दिल दहल गया। सूरज का जिस्म आग की लपटों से जल गया। मौसम ने ऐसी आग लगाई थी रात में। मेरे बदन में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 518 Share Mohsin Aftab Kelapuri 22 Nov 2017 · 1 min read #रंग *रंग* रहीम भाई , बड़े ही उसूलों वाले , बड़े ही मज़हबी आदमी हैं।पांचों वक़्त की नमाज़ पाबंदी के साथ अदा करते हैं।और हर रोज़ सुबह की नमाज़ के बाद... Hindi · लघु कथा 230 Share Mohsin Aftab Kelapuri 22 Nov 2017 · 1 min read #पालकी पालकी *छोटी छोटी गय्यां छोटे छोटे ग्वाल* *छोटो सो मेरो मदन गोपाल* बड़ी ही मधुर आवाज़ में भजन गाया जा रहा था,और बड़ी ही शान से बाल कृष्ण की पालकी... Hindi · लघु कथा 468 Share Mohsin Aftab Kelapuri 14 Jul 2017 · 1 min read इलाही रहम कर मुझ पर इलाही!!! रहम कर मुझ पर मेरे सीने में फिर से दर्द उठता है सुलगता है अलाव की तरह मेरी पलकों से कुछ उम्मीदें आंसू बन के यूँ झड़ती हैं जैसे... Hindi · कविता 226 Share Mohsin Aftab Kelapuri 14 Jul 2017 · 1 min read ख़ामोशी ख़ामोशी...... जाने कितनी आवाज़ों का ख़ून बहा कर चैन से सोई है कमरे में ख़ामोशी। अब कोई आवाज़ न करना, चुप रहना एक भी हर्फ़ अगर ग़लती से तेरे लबों... Hindi · कविता 239 Share Mohsin Aftab Kelapuri 3 Apr 2017 · 1 min read शायर झूठे शाइर ये ग़ौर से सुन लें। शायरी सब के बस की बात नहीं ये वो इल्हाम है के जिस के लिए रब ही चुनता है अपने बंदों में ऐसे... Hindi · कविता 1 615 Share Mohsin Aftab Kelapuri 7 Mar 2017 · 1 min read उदास चाँद आसमाँ पर उदास बैठा चाँद रात भर तारे गिनता रहता है चाहता है के झुक के धरती की चूम ले ये चमकती पेशानी और हसरत निकाल ले दिल की कौन... Hindi · कविता 550 Share Mohsin Aftab Kelapuri 9 Feb 2017 · 1 min read ग़ज़ल तुम जो सीने लगो यार मज़ा आ जाये। आओ कुछ ऐसे करें प्यार मज़ा आ जाये। मैं ने मुद्दत से नहीं देखा सुहाना मंज़र। तेरा हो जाए जो दीदार मज़ा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 281 Share Mohsin Aftab Kelapuri 29 Nov 2016 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल हवेली, खेत , कारोबार ,पैसा माँग लेते हैं ! बड़े होते ही बच्चे अपना हिस्सा माँग लेते हैं ! बुजुर्गों की दुवाओं का सहारा माँग लेते हैं ! क़दम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 284 Share Mohsin Aftab Kelapuri 25 Oct 2016 · 1 min read रिश्ता रिश्ता कल उसने पूछ ही डाला तुम आख़िर कौन हो मेरे हमारे दरमियाँ जो इक तआलुक़ है, जो रिश्ता है वो आख़िर कौन सा है?? नाम क्या है??? कुछ बताओगे???... Hindi · कविता 284 Share Mohsin Aftab Kelapuri 17 Oct 2016 · 1 min read शेर वफ़ा का दर्द ज़बाँ से बयाँ नहीं होता। ये ऐसी आग है जिस का धुँआ नहीं होता। बस एक दर्द सा महसूस होता रहता है। नज़र की चोट का दिल... Hindi · शेर 301 Share Mohsin Aftab Kelapuri 17 Oct 2016 · 1 min read ग़ज़ल फसादों से उख़ुवत की जड़ें कमज़ोर होती हैं। बग़ावत से हुकूमत की जड़ें कमज़ोर होती हैं। गिले,शिकवे,शिकायत,एक हद तक ठीक है लेकिन। सिवा हो तो मोहब्बत की जड़ें कमज़ोर होती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 298 Share Mohsin Aftab Kelapuri 17 Oct 2016 · 1 min read मुक्तक अब ये दिन रात बदल जाएँ तो अच्छा होगा। मेरे हालात बदल जाएँ तो अच्छा होगा। भूलना उसको मेरे बस में नहीं है लेकिन। दिल के जज़्बात बदल जाएँ तो... Hindi · मुक्तक 215 Share Mohsin Aftab Kelapuri 17 Oct 2016 · 1 min read कभी कभी कभी कभी ये दिल करता है यादें फिर से ताज़ा कर लूँ कच्चे ज़ख्मों को फ़िर खुरचूं चीज़ें फैंकुं , शीशा तोडूँ दीवारों से सर टकराऊँ घर के इक कोने... Hindi · कविता 275 Share Mohsin Aftab Kelapuri 21 Aug 2016 · 1 min read ग़ज़ल फ़क़ीरी,बादशाही के उसूलों पर नहीं चलती। ये वो कश्ती है जो पानी की लहरों पर नहीं चलती। क़लंदर अपनी मर्ज़ी से कहीं भी घूम सकते हैं। ज़बरदस्ती कीसी की भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 429 Share Mohsin Aftab Kelapuri 21 Aug 2016 · 1 min read ग़ज़ल इतनी आसानी से फंदे में नहीं आएगी। तेरी किस्मत तेरे क़ब्ज़े में नहीं आएगी। इसको किरदार में तुम अपने सजा कर रख्खो। ये शराफत है ये बटवे में नहीं आएगी।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 239 Share