Mohsin Aftab Kelapuri Tag: ग़ज़ल/गीतिका 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mohsin Aftab Kelapuri 2 Aug 2018 · 1 min read ग़ज़ल खुली हवा में , खुला सर , तुम्हें भी ख़तरा है। ज़रा सा दिल में रखो डर , तुम्हें भी ख़तरा है। हैं चार सिम्त लुटेरे ज़रा संभल के रहो।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 278 Share Mohsin Aftab Kelapuri 20 Feb 2018 · 1 min read ग़ज़ल मैं ने ये जब सुना तो मेरा दिल दहल गया। सूरज का जिस्म आग की लपटों से जल गया। मौसम ने ऐसी आग लगाई थी रात में। मेरे बदन में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 521 Share Mohsin Aftab Kelapuri 9 Feb 2017 · 1 min read ग़ज़ल तुम जो सीने लगो यार मज़ा आ जाये। आओ कुछ ऐसे करें प्यार मज़ा आ जाये। मैं ने मुद्दत से नहीं देखा सुहाना मंज़र। तेरा हो जाए जो दीदार मज़ा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 283 Share Mohsin Aftab Kelapuri 29 Nov 2016 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल हवेली, खेत , कारोबार ,पैसा माँग लेते हैं ! बड़े होते ही बच्चे अपना हिस्सा माँग लेते हैं ! बुजुर्गों की दुवाओं का सहारा माँग लेते हैं ! क़दम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 294 Share Mohsin Aftab Kelapuri 17 Oct 2016 · 1 min read ग़ज़ल फसादों से उख़ुवत की जड़ें कमज़ोर होती हैं। बग़ावत से हुकूमत की जड़ें कमज़ोर होती हैं। गिले,शिकवे,शिकायत,एक हद तक ठीक है लेकिन। सिवा हो तो मोहब्बत की जड़ें कमज़ोर होती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 300 Share Mohsin Aftab Kelapuri 21 Aug 2016 · 1 min read ग़ज़ल फ़क़ीरी,बादशाही के उसूलों पर नहीं चलती। ये वो कश्ती है जो पानी की लहरों पर नहीं चलती। क़लंदर अपनी मर्ज़ी से कहीं भी घूम सकते हैं। ज़बरदस्ती कीसी की भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 431 Share Mohsin Aftab Kelapuri 21 Aug 2016 · 1 min read ग़ज़ल इतनी आसानी से फंदे में नहीं आएगी। तेरी किस्मत तेरे क़ब्ज़े में नहीं आएगी। इसको किरदार में तुम अपने सजा कर रख्खो। ये शराफत है ये बटवे में नहीं आएगी।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 240 Share