Ajay Kumar 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ajay Kumar 22 Jan 2017 · 1 min read मेरी बेटी ‘ मेरी बेटी ‘ पल में रुठ जाये ,पल में मान जाती है, कभी संग तो कभी आगे निकल जाती है कभी जीत जाये, कभी संग उसके जीत जाता हूँ... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share Ajay Kumar 2 Dec 2017 · 2 min read हक़ हमें भी चाहिए……. सुनाता हूँ एक घटना घटी जो मेरे साथ है सुबह की ही तो बात है राह में एक भैंस खड़ी थी कुछ सहमी, कुछ डरी - डरी थी देख मैंने... Hindi · कविता 444 Share