Manissha Gupta Tag: कविता 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Manissha Gupta 30 Jul 2017 · 1 min read रस्मे मुहब्बत ★★★★ग़ज़ल★★★★ आसान नहीं हैं रस्में मुहब्बत की निभाना... दूर तक जाना फिर लौट कर आ जाना.... कुछ कसमों और वादों की एक दुनिया बसना ...... कभी उसको याद करना कभी... Hindi · कविता 1 471 Share Manissha Gupta 12 Jun 2017 · 1 min read इबादत मुहब्बत की दुहाई का अर्थ क्या है रिश्तों में आई दरारों को सरेआम करने का नायाब तरीका ...... नही मुहब्बत तो वो एहसास है जिसे हालात कोई भी हो इज़्ज़त... Hindi · कविता 332 Share Manissha Gupta 12 Jun 2017 · 1 min read प्रियतम सोचू आज एक खत प्रियतम मै तुम्हारे नाम लिखूँ खत में दिल कि सब बाते लिखूँ संग बीते एक एक पल लिखूँ सपनो कि उड़ानो के परवाज़ लिखूँ अपने दिल... Hindi · कविता 1k Share Manissha Gupta 3 Jun 2017 · 1 min read दहलीज़ अहसासों की दहलीज से निकल कर शब्द जब यूँ बिखरते हैं ......... एक अफसाना मुहब्बत का लिख जाते हैं क्यों तोड़ते हो गुरुर मेरा की तुम मुझे रूह तक चाहते... Hindi · कविता 401 Share Manissha Gupta 1 Jun 2017 · 1 min read संवेदना नित्य संवेदनाओ से घिरी अस्तित्व विहीन अपरिपूर्ण परिलक्षित सी #मैं ........ ■आह प्यार के सारगर्भित रहस्य को छुपा निश्चेतन , निष्प्राण सी शिलाखंड न भावनाओ का आरोह न जज़्बातों का... Hindi · कविता 344 Share Manissha Gupta 20 Mar 2017 · 1 min read गौरेया चूं चूं करती जब चिड़िया रानी सुबह सुबह बुलाती है ... उसकी यह मनमोहक अदा मेटे मन को लुभाती है ... फुदक फुदक मेरे चारो और अपनी चाहत बतलाती है...... Hindi · कविता 576 Share Manissha Gupta 29 Jan 2017 · 1 min read तेरी याद? बहुत #प्यार # करते # हैं #तुम # से # सनम # दिल के खाली कोने में हम शमां जलाए बैठे हैं # तेरी यादों की एक एक लड़ को... Hindi · कविता 1 515 Share Manissha Gupta 26 Jan 2017 · 1 min read दर्द मायूसी को छोड़ मुस्कराना सीख लिया हमने भी अपने दर्द को छुपाना सीख लिया दर्द दिल से उठ कर आँखों में नज़र आता था आंसू बन कर वो सारे आम... Hindi · कविता 545 Share Manissha Gupta 25 Jan 2017 · 1 min read आह खुबाब पल भर का दिखा कर इन्तजार सदियों का दे गई आँखे खाई थी कसमे साथ निभाने की बेवफाई कर गई सारी बातें ...... न दिल की दहलीज पर रखते... Hindi · कविता 374 Share Manissha Gupta 18 Jan 2017 · 1 min read बेटियां ( क्यों ओ बाबुल ) बेटियां ( क्यों ओ बाबुल ) क्या खता है ओ बाबुल मेरी जो मुझे कोख में ही मार देते हो क्या मैं तेरा अंश नहीं ? या मुझे यूँही दुत्कार... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 781 Share Manissha Gupta 18 Jan 2017 · 1 min read ‘’ दुर तक कोई अवाज नहीं ‘’ कोई नही ‘’ उसके जाने के बाद जीने का सबब पा ना सके,जो मुसकराते थे हमबात बात पर उस हंसी को दुबारा अपने घर बुला ना सके , लोगो नेसाथ... Hindi · कविता 801 Share Manissha Gupta 16 Jan 2017 · 1 min read तारीफ़ तारीफ़ एक "शब्द " पर उसमें सिमटा एक रूपसी का श्रृंगार , माँ का ममतामयी रूप , एक मासूम से बच्चे की मासूमियत भरी अदाओं का वर्णन और भी बहुत... Hindi · कविता 420 Share Manissha Gupta 16 Jan 2017 · 1 min read जिंदगी........ जिंदगी। हर बार पिघलते देखा तुम को जिसने जैसे चाहा बनाया तुमको हर साँचे में ढलते देखा मैंने ✍✍✍✍✍✍ क्यों कभी तुम को किसी से भी कोई शिकायत न रही... Hindi · कविता 425 Share Manissha Gupta 14 Jan 2017 · 1 min read खामोशियाँ ख़ामोशी से पन्नों पर लिख दी जिंदगी .... कुछ आरज़ू लिखी कुछ ज़ुस्तज़ू लिखी ... या यूँ कहिए जो बीत गई वो पूरी एक सदी लिखी .... हँसने और रोने... Hindi · कविता 1 1 355 Share Manissha Gupta 14 Jan 2017 · 1 min read यादें मनु स्मृतियों सी जब हो जाती हैं "यादें" रंग ए"पलाश " उसमें बहुत गहरा होता है नूर बिखरता है "ज़हनियत " में कतरा-कतरा उसके एहसासों पर "सरगोशियों" का पहरा होता... Hindi · कविता 1 502 Share Manissha Gupta 13 Jan 2017 · 1 min read शाख़ हक़ हवा को जब तेज़ बहने के हासिल हो जाते हैं ..........!! यादों की तरहा सूखे पत्ते भी एक हवा से झड़ जाते हैं ....!! ले लेती हैं जगह नई... Hindi · कविता 565 Share Manissha Gupta 10 Jan 2017 · 1 min read जज़्बात दरमियाँ तेरे मेरे , कुछ जज़्बात मासूम से ख्यालात , सर्दियों की बारिश की रिमझिम सी बूंदों का एहसास कराते हैं ........!! बिन बोले मेरी रूह में उतरते हैं और... Hindi · कविता 327 Share