Manchan Kumari मंचन कुमारी Language: Hindi 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Manchan Kumari मंचन कुमारी 24 Feb 2019 · 1 min read बस यूँही । कभी कभी ये आंखे खुद चलचित्र देख लेती है, वो दिन थे जब रात मे अक्सर कहानियो से डर कर के सो लेते थे, ये दिन है जहां डर और... Hindi · कविता 279 Share Manchan Kumari मंचन कुमारी 27 Apr 2017 · 1 min read (1 मुक्तक) -- हम तो अब कश्मीर हो गए, {और 1 अन्य}-- (2)जीवन 1)हम तो अब कश्मीर हो गए, बड़े ही हम मशहूर हो गए, भारत पाकिस्तान के खींचने में, हम तो थक के चूर हो गए। ??☺☺?? by मंचन 27/04/2017 2) खुशी... Hindi · कविता 1 321 Share Manchan Kumari मंचन कुमारी 18 Mar 2017 · 1 min read नवरात्रि के नये संकल्प)::::: सुन्दर मधुमय ये ध्वनि तरंग, धरा पे शरद की ये नई सुगंध। आने वाला फिर जीवन में, हर्षोल्लास से भरी उमंग। (1) मंगलमय होते है दिन-रात्रि, सुख प्यार की माँ... Hindi · कविता 329 Share Manchan Kumari मंचन कुमारी 23 Jan 2017 · 1 min read जिंदगी और मौत । ? कभी जिंदगी पे मन सोचे, कभी मौत पे मन सोचे। है दिवाने दोनो के हम, कुछ के ज्यादा कुछ के है कम । जिंदगी है कुछ इतनी प्यारी, हो जाऊँ... Hindi · कविता 460 Share Manchan Kumari मंचन कुमारी 20 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ —— है बोझ नहीं ये जान लो तू , दुनिया वाले ये मान लो तू। मिलता है कभी जो उसे मौका, तो लगाती है वो भी चौका छका । तु दो... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 600 Share Manchan Kumari मंचन कुमारी 19 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ ------ ? है बोझ नहीं ये जान लो तू , दुनिया वाले ये मान लो तू। मिलता है कभी जो उसे मौका, तो लगाती है वो भी चौका छका । तु दो... Hindi · कविता 690 Share Manchan Kumari मंचन कुमारी 16 Jan 2017 · 1 min read ?दायरे । ? सोचो के दायरे , ये सपनों के दायरे । बोले तो क्या बोले, ये लफ्जों के दायरे।(1) हैं पड़े यहाँ हम तुम, हैं घिरे यहाँ हम तुम, दुनियादारी और... Hindi · कविता 327 Share