Mahesh Kumar Bose 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mahesh Kumar Bose 10 Oct 2018 · 1 min read खुद में खोकर खुद को पाना खुद में खोकर खुद को पाना काम ज़रा सा भारी हैं जिन नज़रो में देखी है हमने सूरत अपनी जानाँ वह नज़र तुम्हारी है सारे ग़मो को हर देती है... Hindi · कविता 2 370 Share Mahesh Kumar Bose 28 Jun 2016 · 1 min read आँखो से बात करे कभी आता है ख्याल तुम्हारा, दिल करता है तुमसे बात करे, इतनी तो दुश्मनी नहीं है चलो एक मुलाकात करे। मै तुमसे तुम मुझसे हो, खफा किस बात पर मालूम... Hindi · कविता 1 353 Share Mahesh Kumar Bose 8 Oct 2018 · 1 min read आज देर रात तक आज देर रात तक तेरे गुड नाईट के इंतजार में जागता रहा, मूंदी नम आंखो से मोबाइल की स्क्रीन को ताकता रहा। ये कहकर कि सो गया होगा तू मनाया... Hindi · कविता 1 433 Share Mahesh Kumar Bose 25 Oct 2018 · 1 min read ज़िन्दगी कुछ ही दिनों की मेहमान होती है ज़िन्दगी कुछ ही दिनों की मेहमान होती है, हर इंसान की आखिरी मंज़िल श्मशान होती है परिंदों के परों को क्यों मिसाल दी जाती है? जबकि परों से नहीं हौंसलो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 239 Share Mahesh Kumar Bose 31 Oct 2018 · 1 min read हाँ मत करो बात मुझसे हाँ मत करो बात मुझसे तुम्हारी मर्जी। अपनो को क्या देना पडे बार-बार माफी की अर्जी। हाँ मानता हूं मैं हो जाती है गलतिया अक्सर इंसान है हम खुदा तो... Hindi · कविता 1 1 295 Share Mahesh Kumar Bose 26 Nov 2018 · 1 min read सुनहरी शाम ये सुनहरी शाम और ये जाती हुयी सूरज की धूप, कितना खूबसूरत लगता है प्रकृति का ये अनमोल रूप। ये हवा की हसीन अदायें, कितनी जचती है ये वादियों पे... Hindi · कविता 1 2 1k Share Mahesh Kumar Bose 2 Jan 2019 · 1 min read फिर आज तुम्हारी याद आयी फिर आज तुम्हारी याद आयी, फिर मैंने तुम पर एक गीत लिखा वहीं लिखा जो लिखता आया हूँ तुमको फिर अपना मीत लिखा। फिर आज तुम्हारी याद आयी... जिन कदमों... Hindi · गीत 1 203 Share Mahesh Kumar Bose 14 Sep 2019 · 1 min read सम्मान करे आओ सब मिलकर सम्मान करे आओ सब मिलकर राष्ट्र के माथे की बिंदी का, गौरव गान करे आओ सब मिलकर हम हिंदी का। वह हिंदी जो रूप अनेकों धारण करती हैं, वह हिंदी... Hindi · कविता 1 1 293 Share Mahesh Kumar Bose 11 Sep 2018 · 1 min read आओ अब कुछ बात करे आओ अब कुछ बात करे, कदम कुछ अब साथ भरे। भुला के सारे गिले शिकवे, नये रिश्ते की शुरुआत करे। पहले ही बहुत कम है जिंदगी, फिर रुठ के क्यो... Hindi · कविता 263 Share Mahesh Kumar Bose 3 Sep 2019 · 1 min read जिनके कांधे से दुपट्टा भी ना छुटना चाहे जिनके कांधे से दुपट्टा भी ना छुटना चाहे, जिसे देखकर फूल भी भरने लगते हैं आंंहे। वो जगह महकने लगती हैं जहाँ वो जाते हैं, हम क्या वो तो फरिश्तों... Hindi · कविता 388 Share