Madhumita Bhattacharjee Nayyar Language: Hindi 39 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Madhumita Bhattacharjee Nayyar 29 Jan 2017 · 1 min read सुरमई सी शाम नीलम सा आसमां, पुखराजी चंदा, हीरे से चमकते सितारे, मोती से बेला के फूल दमकते हुए, हरे पन्ने जैसे पत्तों के बीच, उसपर बैठी स्फटिक सी सौम्यता लिए ओस की... Hindi · कविता 787 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 15 Jan 2017 · 1 min read एक नन्ही सी चींटी हूँ मै.. सतर्क हूँ, सावधान हूँ मै, चौकन्नी और फुर्तीली, छोटी हूँ, पर अपने से तिगुना बल ढोती हूँ, पहाड़ों पर चढ़ती, धरती के भीतर चलती, गिरती, खुद सम्भलती, उठती, फिर आगे... Hindi · कविता 1 764 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 15 Jan 2017 · 2 min read बेटी माँ बाबा आज करो ज़रा हिसाब, दे दो आज मेरे सवालों के जवाब, क्यों भाई को अपना बनाया, और मुझे सदा धन पराया? उसके सपने सब तुम्हारे अपने , मेरे... Hindi · कविता 653 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 15 Jan 2017 · 2 min read बेटी माँ बाबा आज करो ज़रा हिसाब, दे दो आज मेरे सवालों के जवाब, क्यों भाई को अपना बनाया, और मुझे सदा धन पराया? उसके सपने सब तुम्हारे अपने , मेरे... Hindi · कविता 430 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 15 Jan 2017 · 2 min read बेटी की अभिलाषा आज भी मै बेटी हूँ तुम्हारी, बन पाई पर ना तुम्हारी दुलारी, हरदम तुम लोगों ने जाना पराई, कर दी जल्दी मेरी विदाई। जैसे थी तुम सब पर बोझ, मुझे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 7 Jan 2017 · 1 min read गया साल! बच्चों की मुस्कान सा मासूम, खिलखिलाता, किलोल करता, गया साल! कभी आँसुओं का नमक, कभी मीठी सी कसक, कई अरमान जगा गया, गया साल! कभी हँसाता, कभी रुलाता, गुलाबी गुदगुदाहट,... Hindi · कविता 411 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 25 Dec 2016 · 1 min read मासूम ख़्वाब.. कुछ यादें ताक पर धरी हैं, झाङ-पोंछकर, चमका रखी हैं। चंचल सी साँसें कई इधर-उधर बिखरी पङी हैं। जज़्बातों की लौ सुलग रही है आले पर, कुछ अल्हङ से अरमान... Hindi · कविता 508 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 14 Dec 2016 · 1 min read वो पुराने दिन.. वो पुराने दिन भी क्या दिन थे जब दिन और रात एक से थे, दिन में रंगीन सितारे चमकते, रात सूरज की ऊष्मा में लिपटे बिताते। फूल भी तब मेरे... Hindi · कविता 1 955 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 13 Dec 2016 · 1 min read रोशनी सी बिखेरते हैं रोशनी सी बिखेरते हैं. ... हर एक मौसम में रोशनी सी बिखेरते हैं ये चाँद सा चेहरा तेरा , चाँदनी के फूल सी पाक मुस्कान तेरी, हीरे सी तराशी दो... Hindi · कविता 332 Share Previous Page 2