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जब कभी हम उनसे हाले दिल सुनाने निकले। उनके होंठों पे सदा वक्त न होने के बहाने निकले।।
Wasiph Ansary
ज़िन्दगी यून्ही गुज़ार ली हमने।
Wasiph Ansary
पहले नैन मिलाके नैन -चार उसने किया। रात की नींद गई बेक़रार उसने किया।।
Wasiph Ansary
अब नफ़रत की धुंध छँटने लगी। जिन्दगी तुझमें फिर सिमटने लगी।।
Wasiph Ansary
आप आये हमें एक निधि मिल गई।
Wasiph Ansary
बिन बात की बातों-बातों में बातों से रुलाये जाते हैं।
Wasiph Ansary