manish rawat 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid manish rawat 1 Mar 2017 · 1 min read पेड़ की आवाज आज एक ज़िन्दगी गुहार लगा रही थी , क्या कुसूर था मेरा जो ये दुनिया मुझ पे आरी चला रही थी, आवाज नहीं उठाई थी इसलिए कमजोर समझ रही थे,... Hindi · कविता 1 1 616 Share manish rawat 11 Feb 2017 · 1 min read सच का दीपक जलाओ धरा पे दीये इतने सारे अंधेरा जहाँ में कही रह न जाये , इन दीपो में देखो सच का प्रकाश ये मन का दीपक कही बुझ ना जाये ,... Hindi · कविता 1 1 513 Share manish rawat 8 Feb 2017 · 1 min read चाहत बहुत है। बन गई है ये चाह्त दुसमन हमारी अब तुम्हे चाहने की चाहत बहुत है, भुलाने की आदत तुम्हारी थी पागल याद आने की फितरत हमारी बहुत है, सुबह जो कभी... Hindi · कविता 1 269 Share