लक्ष्मी सिंह Tag: कुण्डलिया 29 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्ष्मी सिंह 30 Oct 2023 · 1 min read ऊपर से मुस्कान है,अंदर जख्म हजार। ऊपर से मुस्कान है,अंदर जख्म हजार। फिर भी जालिम ज़िन्दगी, नहीं मानती हार।। नहीं मानती हार,खेल है सब किस्मत का। किसने पाया पार,खुदा तेरी रहमत का। खुशी मिले या दर्द,ज़िन्दगी... Hindi · Quote Writer · कुण्डलिया · कोटेशन 4 329 Share लक्ष्मी सिंह 20 Jun 2023 · 1 min read चश्मा धीरे-धीरे आ गई,जीवन की वो शाम। बिन चश्मा होता नहीं,मुझ से कोई काम।। मुझ से कोई काम,न होता लिखना पढ़ना। उमर नजर का दोष,धुंधला सब कुछ दिखना। हर्ष और संघर्ष,चले... Hindi · कुण्डलिया 4 271 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2021 · 1 min read सिन्धु सबसे ज्यादा सिन्धु को,खुद पर है अभिमान । कश्ती को ले चल उधर, जहाँ अधिक तूफान। जहाँ अधिक तूफान,धैर्य साहस से रहना। लहरों की है घात,थाम के कश्ती रखना। बचपन... Hindi · कुण्डलिया 4 262 Share लक्ष्मी सिंह 11 Feb 2021 · 1 min read जीवन जैसा जब जीवन मिला,रँगी उसी के रंग। समझ समय की चाल को,चली उसी के संग। चली उसी के संग,मार कर अपनी इच्छा। घर के सारे काम,हमे लगता है अच्छा। रहा... Hindi · कुण्डलिया 3 1 425 Share लक्ष्मी सिंह 17 Mar 2021 · 1 min read आस और विश्वास। जैसे है तन के लिए, बहुत जरूरी स्वास । वैसे ही मन के लिए, आस और विश्वास।। आस और विश्वास,मनुज को जिन्दा रखता। भूले सारे दर्द,शहद खुशियों का चखता।। जो... Hindi · कुण्डलिया 3 4 478 Share लक्ष्मी सिंह 21 Dec 2020 · 1 min read धरना धरना देकर राह में, बैठे सभी किसान। फिर बोलो कैसे कहे, भारत देश महान।। भारत देश महान,धरा से उगता सोना। राजनीति की शोर,दबा हलधर का रोना।। रहे शिशिर में काँप,पड़े... Hindi · कुण्डलिया 3 2 143 Share लक्ष्मी सिंह 18 Aug 2019 · 1 min read जिंदगी ढ़लती जाती जिन्दगी, करे उम्र की जिक्र। उलझन अब बढने लगीं, मुखरे पर है फिक्र।। मुखरे पर है फिक्र, सभी साथी अब छूटे। पकड़ लिये हैं खाट, घरौंदे सारे टूटे।... Hindi · कुण्डलिया 3 162 Share लक्ष्मी सिंह 20 Aug 2022 · 1 min read मोहिनी माया मादक मोहिनी,धरे रूप प्रभु छद्म। छवि अनुपम अभिराम है,नयन खिले दो पद्म।। नयन खिले दो पद्म,रत्न गुम्फित कच काला । मधुर चरण मंजीर, कंठ मुक्ता की माला।। मद मादक... Hindi · कुण्डलिया 3 4 415 Share लक्ष्मी सिंह 25 Oct 2022 · 1 min read जले स्नेह का दीप। सबकी आशा पूर्ण हो, जले स्नेह का दीप। मिटे दिलों की दूरियाँ, अपने रहे समीप।। अपने रहे समीप, भरे खुशियों से झोली। ये अपना परिवार, सुखद सुरभित रंगोली।। महके बंदनवार,स्नेह... Hindi · कुण्डलिया 3 2 155 Share लक्ष्मी सिंह 18 Aug 2022 · 1 min read कृष्ण पधारो आँगना सूना घर आँगन नयन,सूनी माँ की गोद। कृष्ण पधारो आँगना,गूँजे मंगल मोद ।। गूँजे मंगल मोद,चमन में खुशियाँ बरसे। अम्मा शब्द पुकार,कर्ण सुनने को तरसे।। ओ लड्डू गोपाल,प्यार तुमको दूँ... Hindi · कुण्डलिया 2 2 286 Share लक्ष्मी सिंह 13 Mar 2022 · 1 min read भोजन पोषक तत्वों से भरा, भोजन है वरदान। कभी सड़ा मत खाइये, इतना रखिये ध्यान।। इतना रखिये ध्यान, नहीं सेहत को खोना। कहते हैं विद्वान,स्वास्थ ही असली सोना।। भोजन प्राण समान,रोग... Hindi · कुण्डलिया 2 1 350 Share लक्ष्मी सिंह 13 Aug 2019 · 1 min read जीवन जीवन जीने का तभी, मन में उठा सवाल। जब आईने में नजर, आया उजला बाल।। आया उजला बाल, नहीं पहले देखा था। जमा कई थे ख्वाब, उदासी की रेखा था।... Hindi · कुण्डलिया 2 1 244 Share लक्ष्मी सिंह 22 Dec 2020 · 1 min read रसना रसना रसमय हो सरस,हो उत्तम व्यवहार । वह सायक संधर्ष बिन, जीत लिया संसार।। जीत लिया संसार,अमृत के जैसी वाणी। हर मुश्किल आसान,आत्म संयम से प्राणी। परहित के अनुरूप, कर्ण... Hindi · कुण्डलिया 2 164 Share लक्ष्मी सिंह 27 Dec 2020 · 1 min read शिशिर की रात कुण्डलिया यादें मधुरिम ओढ़ कर, गई शिशिर की रात। सपनों की तकिया तले,बिखर गये जज्बात।। बिखर गये जज्बात,जमी हिमकण की परतें। मन के गीले घाव,नहीं जो ऐसे भरतें। बहे अश्रु... Hindi · कुण्डलिया 2 227 Share लक्ष्मी सिंह 22 Jan 2021 · 1 min read फेरे चाहे फेरे लीजिए,चाहे कहो कबूल । प्यार अगर दिल में नहीं,सब कुछ लगे फिजूल। सब कुछ लगे फिजूल,फँसा दलदल में जीवन। टूटे दिल के तार, झड़े नयनों से सावन। चलते... Hindi · कुण्डलिया 2 2 394 Share लक्ष्मी सिंह 26 Jan 2022 · 1 min read गणतंत्र आया है गणतंत्र फिर, पहने नव परिधान। स्वागत में ऋतु राज भी, गाते मंगल गान।। गाते मंगल गान, प्रकृति करती अगुवानी। जड़ चेतन भी आज, स्वयं स्वागत की ठानी।। नवल... Hindi · कुण्डलिया 2 123 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jan 2021 · 1 min read वीर भारत के हम वीर है, और वतन के लाल । आये जो दुश्मन इधर, बनते उसका काल। बनते उसका काल, छुड़ा दें उसके छक्के । देख रूप विकराल,रहें सब हक्के-बक्के।... Hindi · कुण्डलिया 2 2 220 Share लक्ष्मी सिंह 6 Feb 2022 · 1 min read श्वेतानन सुरपूजिता श्वेतानन सुरपूजिता, सकल सुखों के सार। सुधामूर्ति सौदामिनी,हर लो सभी विकार।। हर लो सभी विकार,सुनो विनती हे अंबा। उर में भरो प्रकाश,जगत जननी जगदंबा।। ज्ञान बुद्धि से युक्त,करो कुसुमित उर... Hindi · कुण्डलिया 1 1 133 Share लक्ष्मी सिंह 24 Jan 2021 · 1 min read रुपये-पैसे कुछ नहीं, रुपये-पैसे कुछ नहीं,पुण्य कमाओ रोज । मर जाने के बाद भी,करें जमाना खोज। करें जमाना खोज,दिलों में जिन्दा रहना। मानवता हो धर्म,सभी की सेवा करना। सत्कर्मों की राह, धैर्य से... Hindi · कुण्डलिया 1 1 123 Share लक्ष्मी सिंह 6 Feb 2021 · 1 min read धैर्य दुनिया में सबकुछ सहज,धैर्य शक्ति के साथ। होती है देरी मगर, फल लगता है हाथ। फल लगता है हाथ,समय जब आता पगले। रखने वाला धैर्य,सभी मुश्किल से निकले। होना नहीं... Hindi · कुण्डलिया 1 280 Share लक्ष्मी सिंह 26 Jan 2021 · 1 min read ज़िन्दगी चलते-चलते ज़िन्दगी,जब होती है चूर। स्नेह भरा दो शब्द तब,करे थकावट दूर।। करे थकावट दूर,सभी पीड़ा मिट जाती। ताकत जोश उमंग,ताजगी नूतन आती।। सत्य समर्पित स्नेह,पुष्प अंतर में खिलते। फिर... Hindi · कुण्डलिया 1 164 Share लक्ष्मी सिंह 22 Dec 2020 · 1 min read वाणी वाणी वीणा सी मधुर, करें हृदय पर राज। दुश्मन भी अपना बने, पूर्ण सभी हो काज।। पूर्ण सभी हो काज, बने मंगलमय जीवन। होता मुग्ध समाज,रखें जिह्वा को पावन।। वशीकरण... Hindi · कुण्डलिया 1 1 148 Share लक्ष्मी सिंह 19 Dec 2020 · 1 min read शिशिर चादर ओढ़े बर्फ की, शिशिर खड़ा है द्वार। जल को छूने से लगे, ज्यों बिजली की तार। । ज्यों बिजली की तार, बर्फ गिरती रहती है। ले हाथों में तीर,हवा... Hindi · कुण्डलिया 1 1 177 Share लक्ष्मी सिंह 23 Dec 2019 · 1 min read प्रेम राधा-मीरा की तरह,हुई प्रेम में बाध्य। दवा लगा जाओ हृदय, ओ! मेरे आराध्य। ओ मेरे आराध्य,श्याम सुंदर मनमोहन। चीर वेदना शेष,रहे बेकल मेरा मन। दे दो पूर्ण विराम, मिलन तेरा... Hindi · कुण्डलिया 1 1 324 Share लक्ष्मी सिंह 1 Aug 2019 · 1 min read मोर छाये बदरा जब गगन, गड़-गड़ करते शोर। फैला कर निज पंख को, वन में नाचे मोर। वन में नाचे मोर,मस्त होकर मतवाला। मनमोहक चितचोर, पंख है बूटे वाला। सिर पर... Hindi · कुण्डलिया 1 186 Share लक्ष्मी सिंह 26 Jul 2019 · 1 min read प्रेम निर्मल,पावक प्रेम है, पुण्य तीर्थ का धाम। गंध प्रीत की हो जहाँ, बसते राधा-श्याम।। बसते राधा- श्याम, बजे मधुरिम यह मुरली। कर सोलह श्रृंगार, सजे राधा नित पगली। बिछे प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 1 402 Share लक्ष्मी सिंह 26 Jul 2019 · 1 min read प्रेम ऐसे छलता प्रेम नित,मृगजल-सा आभास। सूखे अधरों पर पड़े, बढ़े हृदय की प्यास।। बढ़े हृदय की प्यास, जोड़ते झूठी आशा । कितने भी हो दूर, आस में जीवन प्यासा ।... Hindi · कुण्डलिया 237 Share लक्ष्मी सिंह 6 Aug 2019 · 1 min read घाटी- ए -कश्मीर घाटी- ए -कश्मीर में,होगा अब अनुराग। मोदी जी ने धो दिये, इसके गहरे दाग।। इसके गहरे दाग, तीन सौ सत्तर धारा। कुचल दिये सब नाग,हटा आतंकी सारा। बहे नहीं अब... Hindi · कुण्डलिया 1 125 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jul 2019 · 1 min read .बहु सूरत सीरत शुभ सुखद, मधुकर करती बात। बहु अलबेली रूपसी, भगवन की सौगात। भगवन की सौगात, शुद्ध चमकीला हीरा। अंतस भरे प्रकाश,हरे जो सबकी पीरा। देती सबको प्यार,लगे ममता की... Hindi · कुण्डलिया 372 Share