27
posts
अंकूर फूटने की आश जग गई थी
मनहरण मनहरण
नोटबंदी का जहाँ कई लोग विरोध करते थकते नहीं हैं।…
मनहरण मनहरण
बदलते चेहरे
मनहरण मनहरण
क्यों दे रहे दर्द
मनहरण मनहरण
चिंता क्यों हो रही है ?
मनहरण मनहरण
क्योंकि मैं ऋषियों की संतान हूँ।
मनहरण मनहरण
हर सांस में तुम्हीं हो
मनहरण मनहरण
बना लूँ एक किताब
मनहरण मनहरण
परिन्दे
मनहरण मनहरण
तत समय …. जरूरी है
मनहरण मनहरण
कोई लौटा दे मेरे वह हिन्दुस्तान
मनहरण मनहरण
सच्चाई की राह में परवाह नहीं नाम की।
मनहरण मनहरण
समय आ गया अब हम कुछ कर चलें
मनहरण मनहरण
दिपावली के दिन कर लो एक दीप दान
मनहरण मनहरण
दिपावली में व्यस्त हूँ,
मनहरण मनहरण
तेरे इश्क में जिये जा रहा हूँ
मनहरण मनहरण
औलाद
मनहरण मनहरण
कर गयी चोट बस एक नजर में दोस्तों
मनहरण मनहरण
चुप्पी तोड़ें
मनहरण मनहरण
कन्यादान
मनहरण मनहरण
जग-मग दीप जले
मनहरण मनहरण
चोट
मनहरण मनहरण
रौशनी
मनहरण मनहरण
पथ अँधेरे प्रेम की
मनहरण मनहरण
जुबां कुछ कह नहीं पाती
मनहरण मनहरण
रेत
मनहरण मनहरण
पुनर्जन्म
मनहरण मनहरण