Shanky Bhatia 52 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Shanky Bhatia 8 Dec 2016 · 1 min read अब जाकर मुझे ये तन्हाई मिली है अब जाकर मुझे ये तन्हाई मिली है। आखिर मुझे अपनी मेहनत की पाई पाई मिली है, अब जाकर मुझे ये तन्हाई मिली है। अब जाकर कुछ सुकून मिला इस दिल... Hindi · कविता 336 Share Shanky Bhatia 8 Dec 2016 · 1 min read तुम्हारी कमी खलती नहीं बेशक नजरों को तुम दिखती नहीं, पर तुम्हारी कमी खलती नहीं। तुम्हारी नज़रों से अब हमारी नज़रें मिलती नहीं, पर तुम्हारी कमी खलती नहीं। हमारी मुस्कान भी तुम बिन खिलती... Hindi · कविता 1 563 Share Previous Page 2