Harivansh Prabhat Tag: कविता 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Harivansh Prabhat 21 Aug 2016 · 1 min read जिनके दिलों में प्यार वतन का नये सिरे से नये दौर में ,पहुँचो आज विचार में जिनके दिलों में प्यार वतन का ,हम हैं उसी कतार में . बुनियादी परिवर्तन की हम बात यहाँ करने वाले... Hindi · कविता 1 381 Share Harivansh Prabhat 21 Aug 2016 · 1 min read मैं सावन का मेघ बनूँगा मौसम से रूठे बादल को फिर से नहीं बुलाऊंगा , मैं सावन का मेघ बनूंगा और तुझे नहलाऊँगा . साँसों में पुरवाई बहती आहों में शीतलता है नेह के नर्म... Hindi · कविता 1 248 Share Harivansh Prabhat 26 Jul 2016 · 1 min read फिर भी सूरज निकलता है हल्का सा धुंध धरती की छाती पर सवार सूरज को रोकने की पूरी तैयारी फिर भी सूरज निकलता है , गोल ,लाल ,सुंदर ,दिव्य धुंध को चिरता हुआ देता है... Hindi · कविता 1 1 457 Share Harivansh Prabhat 26 Jul 2016 · 1 min read बड़ा होने में आदमी जितना बड़ा होता है उतना बड़ा सहता है नुकशान भी उतनी बड़ी उससे होती हैं गलतियाँ भी सहता है उतनी बड़ी तल्खियां भी , विशाल पेड़ को धराशायी करने... Hindi · कविता 2 1 578 Share